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79100362

रूपया निर्यात ऋण पर ब्याज दरें - शहरी सहकारी बैंक

आरबीआई/2010-11/367
शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी) परि.सं.5 /13.05.000/2010-11

11 जनवरी 2011

मुख्य कार्यपालक अधिकारी
अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
(AD संवर्ग I लाईसेंस धारक)

रूपया निर्यात ऋण पर ब्याज दरें - शहरी सहकारी बैंक

कृपया 16 सितंबर, 2009 का परिपत्र केंका.बीपीडी.परि.सं.1/13.05.000/2009-10 देखें जिसके अनुसार निर्दिष्ट निर्यात क्षेत्र को 31 मार्च 2010 तक रूपया निर्यात ऋण पर ब्याज सहायता दी थी ।

2. 1 अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2011 तक निर्दिष्ट क्षेत्र /उप क्षेत्रों को 270 दिनों तक लदानपूर्व और 180 दिनों तक लदानोत्तर रूपया ऋण पर 2 प्रतिशत अंक की ब्याज सहायता देने का निर्णय लिया है :

निर्दिष्ट क्षेत्र /उप क्षेत्र

1) हस्त शिल्प
2) कार्पेट
3) हतकरघा
4) छोटे और मझौले उद्यम (एसएमई) (अनुबंध I में परिभाषित)
5) चमडा तथा चमडा विनिर्माण (केवल निर्दिष्ट उप क्षेत्र)
6) जूट विनिर्माण जिसमें फ्लोअर कवरिडग शामिल है (केवल निर्दिष्ट उप क्षेत्र)
7) इजिंनिअरिडग माल (केवल निर्दिष्ट उप क्षेत्र)
8) वस्त्र (केवल निर्दिष्ट उप क्षेत्र)

उप क्षेत्र की विस्तुत जानकारी अनुबंध II में दी गयी है ।

3. इस संबध में 28 दिसंबर 2010 का निर्देश सं.शबैंवि.बीपीडी.डीआईआर (इएक्सपी) सं.2 /13.05.000/2010-11 इसके साथ सलंग्न है ।

4. ब्याज सहायता के लिए प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, गारमेंट हाउस, वरली, मुंबई - 400 018 को अनुबंध III में दिए गए फॉर्मेट में 30 जून 2010 को समाप्त तिमाही से तिमाही आधार पर प्रस्तुत करें । सहायता राशि की गणना निर्यात ऋण राशि पर की जाएगी और इसकी अवधि ऋण वितरण की तारीख से ऋण की चुनौती की तारीख तक अथवा उस तारीख तक जिसके बाद बकाया निर्यात ऋण अतिदेय हो जाती है । अर्थात लदानपूर्व ऋणों के लिए 270 दिनों तक और लदानोत्तर ऋणों के लिए 180 दिनों तक इनमें से जो भी पहले हो, होगी । दावे के साथ किसी बाहय लेखा परीक्षक का यह प्रमाण पत्र होना चाहिए, कि संबंधित तिमाही के लिए ---------- रूपये की ब्याज सहायता का दावा सही है । दावे का निपटान इस प्रमाणपत्र की प्राप्ति पर ही किया जाएगा ।

भवदीया

(उमा शंकर)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध I

एसएमई की परिभाषा

मालों के विनिर्माण या उत्पादन, प्रसंस्करण या संरक्षण में लगे उद्यम जिन्हें नीचे विनिर्दिष्ट  किया गया है:

  1. माइक्रो उद्यम वह उद्यम है जहॉसय्ांत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं.एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 25 लाख रुपये से अधिक न हो;

  2. लघु उद्यम वह उद्यम है जहॉसय्ांत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं.एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 25 लाख रुपये से अधिक लेकिन 5 करोड़ से अधिक न हो; अथवा

  3. मझोला उद्यम वह उद्यम है जहॉ सय्ांत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं.एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 5 करोड रुपये से अधिक लेकिन 10 करोड रुपये से अधिक न हो;


शबैंवि.बीपीडी .डीआईआर.परि.सं.2 /13.05.000/20101

28 दिसंबर 2010

रूपया निर्यात ऋण पर ब्याज दरें

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21 और 35क के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट होकर कि ऐसा करना जन हित में आवश्यक और समयोजित है, एतद्वारा निदेश देता है कि 1 अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2011 तक एडी संवर्ग 1 लाइसेंस धारक अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक, निर्दिष्ट निर्यात क्षेत्र को 270 दिन तक के लदानपूर्व निर्यात ऋण तथा 180 दिन तक के लदानोत्तर निर्यात ऋण की बकाया राशि पर निर्यात क्षेत्र के अन्य वर्गो में निर्यातकों द्वारा लगाए ज्जाने वाले ब्याज दर से 2 प्रतिशत अंक कम तक की ब्याज दर लगायेंगे।

निर्दिष्ट क्षेत्र/उप क्षेत्र

1) हस्त शिल्प
2) कार्पेट
3) हतकरघा
4) छोटे और मझौले उद्यम (एसएमई) (अनुबंध I में परिभाषित)
5) चमडा तथा चमडा विनिर्माण (केवल निर्दिष्ट उप क्षेत्र)
6) जूट विनिर्माण जिसमें फ्लोअर कवरिडग शामिल है (केवल निर्दिष्ट उप क्षेत्र)
7) इजिंनिअरिडग माल (केवल निर्दिष्ट उप क्षेत्र)
8) वस्त्र (केवल निर्दिष्ट उप क्षेत्र)

(वी.के. शर्मा)
कार्यपालक निदेशक


अनुबंध 3

_______से          __की अवधि के लिए रुपया निर्यात ऋण
(30जून 2010 को समाप्त निमाही से प्रस्तुत करने के लिए)
(270 दिनों तक के लदानपूर्व रुपया ऋण
तथा 180 दिनों तक के लदानोत्तर रुपया ऋण)

निर्यातकों की श्रेणियां

निर्यातकों के अन्य श्रेणियों को लगाए गए दर से 2% कम दर पर दिया गया कुल रुपया निर्यात ऋण

दावा की गई अनुदान राशि

(1)

(2)

(3)

1) हस्त शिल्प
2) कालीन
3) हतकरघा
4) छोटे और मझोले उद्यम (अनुबंध I में यथापरिभाषित)
5) चमडा और चमडा उत्पाद
6) जूट विनिर्माण जिसमें फ्लोअर कवरिडग शामिल है 
7) इजिंनिअरिडग 
8) वस्त्र 

 

 

कुल

 

 

विशेष सूचना : अनुदान की राशि को निकटतम रुपए तक पूर्णांकित किया जाए ।

हम प्रमाणित करते हैं कि हमने से तक की अवधि के दौरान रिज़र्व बैंक के--- दिसंबर 2010 के परिपत्र सं.शबैंविपीसीबी.परि.सं. /13.05.000 /2010-11 में दर्शाए अनुसार पात्र निर्यातकों को निर्यात ऋण के माध्यम से निर्यातकों की अन्य श्रेणियों को लगाए गए ब्याज दर से 2 प्रतिशत कम ब्याज की दर से उपर्युक्त ऋण संवितरित किया है ।

दिनांक  ..............

प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता का नाम और पदनाम

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