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रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज दरें - शहरी सहकारी बैंक

आरबीआई/ 2011-12/246
शबैंवि.बीपीडी (एडी) परि.सं. 3 /13.05.000/2011-12

3 नवंबर 2011

मुख्य कार्यपालक अधिकारी
अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
(AD संवर्ग I लाईसेंस धारक)

महोदय/महोदया

रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज दरें - शहरी सहकारी बैंक

कृपया 11 जनवरी 2011 का परिपत्र शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी) परि.सं. 5 /13.05.000 /2010-11 देखें जिसके अनुसार निर्दिष्ट निर्यात क्षेत्र को 31 मार्च 2011 तक रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज सहायता दी थी ।

2. भारत सरकार ने 1 अप्रैल 2011 से 31 मार्च 2012 तक निर्दिष्ट क्षेत्र को  रुपया ऋण  पर 2 प्रतिशत अंक की ब्याज सहायता देने का निर्णय लिया है। तदनुसार , 11 जनवरी 2011 के हमारे परिपत्र में निहित नियम और शर्तो पर निम्नलिखित क्षेत्रों को 1 अप्रैल 2011 से 31 मार्च 2012 तक लदानपूर्व और लदानोत्तर रुपया ऋण पर ब्याज सहायता प्रदान की जाती है।

1)  हस्त शिल्प
2)  हतकरघा
3)  कार्पेट
4)  लघु और मझौले उद्यम (एसएमई) (अनुबंध I में परिभाषित)

3.  इस संबध में जारी 3 नवंबर 2011 का निर्देश सं.शबैंवि.बीपीडी.डीआईआर (इएक्सपी) सं.1 / 13.05.000 /2011-12 इसके साथ सलंग्न है ।

4.  ब्याज सहायता के लिए  प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, गारमेंट हाउस, वरली, मुंबई - 400 018 को अनुबंध II में  दिए गए फॉर्मेट में 30 जून 2011 को समाप्त तिमाही से तिमाही आधार पर प्रस्तुत करें ।

सहायता राशि की गणना निर्यात ऋण राशि की बकाया राशि पर की जाएगी और इसकी अवधि ऋण वितरण की तारीख  से ऋण की चुकौती की तारीख तक अथवा उस तारीख तक जिसके बाद  बकाया निर्यात ऋण अतिदेय हो जाती है, इससे जोभी पहले हो, होगी । दावे के साथ किसी बाहय लेखा परीक्षक का यह प्रमाण पत्र होना चाहिए, कि संबंधित तिमाही (तिमाही दर्शाए) के लिए ----------  रुपये की ब्याज सहायता का दावा सही है । दावे का निपटान इस प्रमाणपत्र की प्राप्ति पर ही किया जाएगा ।

भवदीय

(ए.उदगाता)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध I

एसएमई की परिभाषा

मालों के विनिर्माण या उत्पादन, प्रसंस्करण या संरक्षण में लगे उद्यम जिन्हें नीचे विनिर्दिष्ट किया गया है :

(i) माइक्रो उद्यम वह उद्यम है जहॉ संयंत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं.एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 25 लाख रुपये से अधिक न हो;

(ii) लघु उद्यम वह उद्यम है जहॉ संयंत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं.एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 25 लाख रुपये से अधिक लेकिन 5 करोड़ से अधिक न हो; अथवा

(iii) मझोला उद्यम वह उद्यम है जहॉ संयंत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं.एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 5 करोड रुपये से अधिक लेकिन 10 करोड रुपये से अधिक न हो.


अनुबंध II

_______से          __की अवधि के लिए रुपया निर्यात ऋण
(30 जून 2011 को समाप्त निमाही से प्रस्तुत करने के लिए)
(लदानपूर्व रुपया ऋण तथा लदानोत्तर रुपया ऋण)

निर्यातकों की श्रेणियां

निर्यातकों के अन्य श्रेणियों को लगाए गए दर से 2% कम दर पर दिया गया कुल रुपया निर्यात ऋण

दावा की गई अनुदान राशि

(1)

(2)

(3)

1)  हस्त शिल्प
2)  हतकरघा
3)  कार्पेट
4) लघु और मझोले उद्यम  (अनुबंध I में यथापरिभाषित)

 

 

कुल

 

 

विशेष सूचना : अनुदान की राशि को निकटतम रुपए तक पूर्णांकित किया जाए ।

हम प्रमाणित करते हैं कि हमने                  से                     तक की अवधि के दौरान रिज़र्व बैंक के 3 नवंबर 2011 के परिपत्र सं.शबैंवि.बीपीडी.(एडी)परि.सं.  3  /13.05.000 /2011-12 में दर्शाए अनुसार पात्र निर्यातकों को  निर्यात ऋण के माध्यम से निर्यातकों की अन्य श्रेणियों को लगाए गए ब्याज दर से 2 प्रतिशत  कम ब्याज की दर से उपर्युक्त ऋण संवितरित किया है ।

दिनांक ..............

प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता का नाम और पदनाम


शबैंवि.बीपीडी .डीआईआर.परि.सं.1 /13.05.000/2011-12

3 नवंबर 2011

रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज दरें

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21 और 35क के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 28 दिसंबर 2010 के निर्देश शबैंवि. बीपीडी.डीआईआर.(इएक्सपी). सं 2/ 13.05.000 /2010-11 में आंशिक संशोधन करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट होकर कि ऐसा करना जन हित में आवश्यक और समयोजित है, एतद्वारा निदेश देता है कि   1 अप्रैल 2011 से 31 मार्च 2012 तक  एडी संवर्ग 1 लाइसेंस धारक अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक, निर्दिष्ट निर्यात क्षेत्र को निर्यात ऋण की बकाया राशि की ऋण वितरण की तारीख  से ऋण की चुकौती की तारीख तक अथवा उस तारीख तक जिसके बाद  बकाया निर्यात ऋण अतिदेय हो जाता है, जोभी पहले हो, होगी पर  निर्यात क्षेत्र के अन्य वर्गो में निर्यातकों द्वारा लगाए जाने वाले ब्याज दर से 2 प्रतिशत अंक कम तक की ब्याज दर लगायेंगे।

निर्दिष्ट क्षेत्र

1)  हस्त शिल्प
2)  हतकरघा
3)  कार्पेट
4)  लघु और मझौले उद्यम (एसएमई) (अनुबंध I में परिभाषित)

(एस. करुप्पसामी)
कार्यपालक निदेशक


अनुबंध I

एसएमई की परिभाषा

मालों के विनिर्माण या उत्पादन, प्रसंस्करण या संरक्षण में लगे उद्यम जिन्हें नीचे विनिर्दिष्ट किया गया है :

(i) माइक्रो उद्यम वह उद्यम है जहॉ संयंत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं.एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 25 लाख रुपये से अधिक न हो;

(ii) लघु उद्यम वह उद्यम है जहॉ संयंत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं.एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 25 लाख रुपये से अधिक लेकिन 5 करोड़ से अधिक न हो; अथवा

(iii) मझोला उद्यम वह उद्यम है जहॉ संयंत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं.एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 5 करोड रुपये से अधिक लेकिन 10 करोड रुपये से अधिक न हो.

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