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रुपया निर्यात ऋण ब्याज दरें

आरबीआइ/2009-10/426
बैंपविवि.डीआइआर (ईएक्सपी) बीसी.सं.94/04.02.01/2009-10

23 अप्रैल 2010
3 वैशाख 1932 (शक)

सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय/महोदया

रुपया निर्यात ऋण ब्याज दरें

कृपया 31 जुलाई 2009 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.डीआइआर.(ईएक्सपी)).बीसी.सं.26/04.02.001/2009-10 देखें। इस संबंध में भारत सरकार ने 1 अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2011 तक नीचे उल्लिखित रोजगार उन्मुख निर्यात क्षेत्रों में लदानपूर्व और लदानोत्तर रुपया ऋण पर 2 प्रतिशत अंक की ब्याज सहायता देने का निर्णय लिया है :

  1. हस्तशिल्प
  2. कार्पेट
  3. हथकरघा
  4. छोटे और मझोले उद्यम (एसएमई) (जैसा कि अनुबंध में परिभाषित किया गया है)

2. वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार बैंक 270 दिन तक के रुपया लदानपूर्व ऋण पर तथा 180 दिन तक के रुपया लदानोत्तर ऋण पर बीपीएलआर से 2.5 प्रतिशत अंक कम तक की ब्याज दर लगाते हैं । अब बैंक ऊपर उल्लिखित क्षेत्रों में 1 अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2011 तक की अवधि के लिए बकाया राशि पर 270 दिन तक के लदानपूर्व ऋण पर तथा 180 दिन तक के लदानोत्तर ऋण पर बीपीएलआर से 4.5 प्रतिशत अंक कम तक की ब्याज दर लगायेंगे । तथापि, कुल ब्याज सहायता इस शर्त के अधीन होगी कि ब्याज सहायता के बाद ब्याज दर 7 प्रतिशत से नीचे नहीं हो जाएगी, जो दर प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र उधार के अंतर्गत कृषि क्षेत्र पर लागू होती है । बैंक यह सुनिश्चित करें कि 2 प्रतिशत ब्याज सहायता का लाभ पात्र निर्यातकों को पूरी तरह मिलता है ।

3. इस संबंध में 23 अप्रैल 2010 का एक निदेश सं. डीआइआर. (ईएक्सपी) बीसी. सं. 93/04.02.001/ 2009-10 संलग्न है ।

4. निर्यातकों के अन्य संवर्गों के लिए 29 अक्तूबर 2009 के परिपत्र बैंपविवि. डीआइआर.(ईएक्सपी) बीसी.सं.54/04.02.001/2009-10 के प्रावधान लागू रहेंगे ।

5. ब्याज सहायता का दावा करने की प्रक्रिया निम्नानुसार है :

i) संलग्न फार्मेट में संबंधित तिमाहियों के अंत में प्रस्तुत दावे के आधार पर सहायता की राशि की प्रतिपूर्ति की जाएगी ।
     
ii) सहायता राशि की गणना निर्यात ऋण राशि पर की जाएगी और इसकी अवधि ऋण वितरण की तारीख से

क. ऋण की चुकौती की तारीख तक; अथवा
ख. उस तारीख तक जिसके परे बकाया निर्यात ऋण अतिदेय हो जाती है; अथवा
ग. लदानपूर्व ऋणों के लिए 270 दिनों तक और लदानोत्तर ऋणों के लिए 180 दिन तक,

इनमें से जो भी पहले हो, होगी ।

iii) दावे के साथ किसी बाह्य लेखा परीक्षक का यह प्रमाण पत्र होना चाहिए कि संबंधित तिमाही के लिए . . . . . . . . . . . . रुपये की ब्याज सहायता का दावा सही है । दावे का निपटान इस प्रमाण पत्र की प्राप्ति पर ही किया जाएगा ।

iv) दावे संलग्न फार्मेट में प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, विश्व व्यापार केंद्र, मुंबई - 400 005 को प्रस्तुत किए जाएं ।

भवदीय

(पी. विजय भास्कर)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

अनुलग्नक : यथोक्त


1 अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2011 तक की अवधि के लिए रुपया निर्यात ऋण
. . . . . . . . . . . को समाप्त तिमाही के लिए दावे

निर्यातकों का संवर्ग

बीपीएलआर से 4.5% कम दर तक की ब्याज दरों पर मंजूर कुल रुपया निर्यात ऋण

दावा की गयी सहायता राशि (निकटतम रुपये तक पूर्णांकित)

(1)

(2)

(3) 

(i) हस्तशिल्प
(ii) कार्पेट
(iii) हथकरघा
(iv) छोटे और मझोले उद्यम (एसएमई)*

 

 

कुल

 

 

*अनुबंध में परिभाषित ।

हम प्रमाणित करते हैं कि हमने . . . . . . . . .. . .से . . . . . . . . . . . . अवधि के दौरान अप्रैल 2010 के भारिबैं. परिपत्र सं. बैंपविवि. डीआइआर. (ईएक्सपी). बीसी. सं. /04.02.01/2009-10 के अनुसार निर्यातकों को दिये गये रुपया निर्यात ऋण के रूप में दिए गए उपर्युक्त ऋणों पर बीपीएलआर से 4.5% कम दर की उच्चतम सीमा के भीतर ब्याज दर लगायी है ।

दिनांक   . . . . . . . . .. . . . . . .

(प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता का नाम और मुहर)


अनुबंध

एसएमई की परिभाषा

मालों के विनिर्माण या उत्पादन, प्रसंस्करण या संरक्षण में लगे उद्यम जिन्हें नीचे विनिर्दिष्ट किया गया है :

i) माइक्रो उद्यम वह उद्यम है जहाँ सयंत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं. एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 25 लाख रुपये से अधिक न हो;

ii) लघु उद्यम वह उद्यम है जहाँ संयत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं. एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 25 लाख रुपये से अधिक लेकिन 5 करोड़ रुपये से अधिक न हो; अथवा

iii) मझोला उद्यम वह उद्यम है जहाँ संयत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं. एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 5 करोड़ रुपये से अधिक लेकिन 10 करोड़ रुपये से अधिक न हो।


बैंपविवि. डीआइआर (ईएक्सपी) बीसी.सं.93/04.02.01/2009-10

23 अप्रैल 2010
3 वैशाख 1932 (शक)

रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज दरें

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21 और 35क के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, इस बात से संतुष्ट होकर कि ऐसा करना जन हित में आवश्यक और समयोचित है, एतद्वारा निदेश देता है कि 1 अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2011 तक नीचे उल्लिखित निर्यात क्षेत्रों में लदानपूर्व और लदानोत्तर ऋणों पर ब्याज दरें निम्नानुसार होंगी ।

वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार बैंक 270 दिन तक के रुपया लदानपूर्व ऋण पर तथा 180 दिन तक के रुपया लदानोत्तर ऋण पर बीपीएलआर से 2.5 प्रतिशत अंक कम तक की ब्याज दर लगाते हैं । अब बैंक निम्नलिखित क्षेत्रों में निर्यातकों को 1 अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2011 तक की अवधि के लिए बकाया राशि पर 270 दिन तक के लदानपूर्व ऋण पर तथा 180 दिन तक के लदानोत्तर ऋण पर बीपीएलआर से 4.5 प्रतिशत अंक कम तक की ब्याज दर लगायेंगे :

(i) हस्तशिल्प
(ii) कार्पेट
(iii) हथकरघा
(iv) छोटे और मझोले उद्यम (एसएमई) (जैसा कि अनुबंध में परिभाषित किया गया है)

निर्यातकों के अन्य संवर्गों के लिए 29 अक्तूबर 2009 के परिपत्र बैंपविवि. डीआइआर.(ईएक्सपी) बीसी. सं. 54/ 04.02.001/ 2009-10 के प्रावधान लागू रहेंगे ।

(आनंद सिन्हा)
कार्यपालक निदेशक

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