2. इस संबंध में, भारत सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि परिचालन दिशानिर्देशों में अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित संशोधन किया जाए:
30 जून 2020 तक सांविधिक लेखा परीक्षक प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया जाए और इस बीच, आंतरिक / समवर्ती लेखा परीक्षक प्रमाणपत्र के आधार पर दावों का निपटारा किया जाए।
पात्र संस्थानों द्वारा निर्धारित अर्धवार्षिक के लिए कई लॉट में दावों की स्वीकृति।
जीएसटी के लिए पात्र इकाइयों के लिए उद्योग आधार संख्या (यूएएन) की आवश्यकता को समाप्त किया जा सकता है। ऐसी इकाई जिसे जीएसटी प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है, वे या तो आयकर स्थायी खाता संख्या (पैन) जमा करें या तो उनके ऋण खाते को संबंधित बैंक द्वारा एमएसएमई के रूप में वर्गीकृत किया जाए।
उद्योग आधार संख्या (यूएएन) के बिना भी ट्रेडिंग गतिविधियों के लिए अनुमति दी जाए।
3. इसके अतिरिक्त, उक्त (iv) में किए गए उल्लेख के अनुसार ट्रेडिंग गतिविधि भी ब्याज सबवेंशन के लिए पात्र है, अतः उक्त उल्लेखित परिपत्र के अनुबंध I अर्थात ‘सब्सिडी का दावा करने के लिए प्रमाणपत्र का प्रारूप’ को संशोधित किया गया है। बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे संशोधित प्रारूप के अनुसार सिडबी के समक्ष दावे को प्रस्तुत करें।
4. आपसे अनुरोध है कि उक्त योजना में किए गए परिवर्तनों के बारे में अपनी शाखाओं / नियंत्रक कार्यालयों को अवगत कराएं।
भवदीया,
(सोनाली सेन गुप्ता) मुख्य महाप्रबंधक
अनुलग्नक : यथोक्त
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