वर्ष 2016-17 के दौरान अल्पावधि फसल ऋणों के लिए ब्याज सबवेंशन (छूट)योजना – नियत तारीख के बाद 60 दिन की अनुग्रह अवधि प्रदान करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
वर्ष 2016-17 के दौरान अल्पावधि फसल ऋणों के लिए ब्याज सबवेंशन (छूट)योजना – नियत तारीख के बाद 60 दिन की अनुग्रह अवधि प्रदान करना
आरबीआई/2016-17/194 26 दिसंबर 2016 अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक महोदय/ महोदया वर्ष 2016-17 के दौरान अल्पावधि फसल ऋणों के लिए ब्याज सबवेंशन (छूट)योजना – नियत तारीख के बाद 60 दिन की अनुग्रह अवधि प्रदान करना आप जानते ही हैं कि 2006-07 से भारत सरकार ब्याज सबवेंशन योजना कार्यान्वित कर रही है। वर्ष 2016-17 की वर्तमान योजना के अनुसार किसानों द्वारा फसल ऋण के वितरण की तारीख से चुकौती की वास्तविक तारीख या फसल ऋणों की चुकौती के लिए बैंकों द्वारा नियत तारीख, इसमें से जो भी पहले हो, तक शीघ्र भुगतान करने वाले किसानों को वितरण की तारीख से एक वर्ष की अधिकतम अवधि की शर्त पर वार्षिक 2 प्रतिशत के सबवेंशन के अलावा 3 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन भी प्रदान किया जाता है। यह लाभ ऐसे किसानों को नहीं दिया जाता है जो ऐसे ऋण लेने से एक वर्ष के बाद उसे चुकाते हैं। 2. विशेष बैंक नोटों (एसबीएन) का वैध मुद्रा दर्जा वापस लिए जाने के कारण किसानों द्वारा देय ऋणों की चुकौती करने में अनुभव की जा रही बाधाओं और बाद में रिज़र्व बैंक द्वारा दिनांक 21 नवंबर 2016 को जारी की गई अधिसूचना डीबीआर.सं.बीपी.बीसी.37/21.04.048/2016-17 को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा यह निर्णय किया गया है कि 3 प्रतिशत के शीघ्र चुकौती प्रोत्साहन हेतु ऐसे किसानों को अतिरिक्त 60 दिन की अनुग्रह अवधि दी जाए जिनके फसल ऋण की नियत तारीख 1 नवंबर 2016 और 31 दिसंबर 2016 के बीच की है, यदि ऐसे किसान उपर्युक्त अवधि से 60 दिनों के भीतर उसकी चुकौती करते हैं। जहां तक आस्ति वर्गीकरण और अन्य विवेकपूर्ण मानदंडों का संबंध है दिनांक 21 नवंबर 2016 के परिपत्र सहित रिज़र्व बैंक के वर्तमान दिशानिर्देश लागू रहेंगे। 3. बैंकों को उपर्युक्त बातों का पर्याप्त प्रचार करना चाहिए ताकि किसान इसका लाभ उठा सकें। 4. बैंकों को 2016-17 के समग्र वर्ष के दौरान वितरणों से संबंधित 3 प्रतिशत अतिरिक्त सबवेंश दावों का अपना एकबारगी समेकन प्रस्तुत करते समय उपर्युक्त बातों को ध्यान में रखना चाहिए। भवदीया (उमा शंकर) |