ब्याज कर अधिनियम 1974 – उधारकर्ताओं से कर संग्रहण - आरबीआई - Reserve Bank of India
ब्याज कर अधिनियम 1974 – उधारकर्ताओं से कर संग्रहण
आरबीआई/2013-14/579 05 मई 2014 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय, ब्याज कर अधिनियम 1974 – उधारकर्ताओं से कर संग्रहण कृपया उपर्युक्त विषय पर 22 सितंबर 2008 का परिपत्र सं शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी) परि. सं. 18 /13.04.00/2008-09 देखें। 2. वर्ष 2005 की रिट याचिका (सिविल) सं.301 के संबंध में दिनांक 21 फरवरी 2014 के उच्चतम न्यायालय के आदेश से यह पता चला है कि ऐसी ऋण संस्थाओं जो अक्तूबर 1991 और मार्च 1997 के बीच अस्तित्व में थीं परंतु जिनका दिनांक अप्रैल 2004 के उच्चतम न्यायालय के आदेश के पहले या उसके बाद किसी अन्य बैंक / वित्तीय संस्था के साथ विलय हो गया था, के मामले में प्रत्येक अंतरिती बैंक ₹ 50 लाख रुपये तक न्यास निधि में अंशदान करने के लिए जि़म्मेदार होगा। साथ ही, प्रत्येक अंतरिती बैंक, अंतरणकर्ता बैंकों द्वारा ऋण एवं अग्रिम पर प्राप्त ब्याज जन्य आय संबंधी ब्याज कर को पूर्णांकित करके संगृहीत की गई अतिरिक्त राशि को भी उक्त निधि में जमा करने हेतु जि़म्मेदार होगा। 3. दिनांक 21 फरवरी 2014 के उच्चतम न्यायालय के आदेश के परिप्रेक्ष्य में सभी शहरी सहकारी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार उचित कार्रवाई करें तथा संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को मामले की स्थिति से अवगत कराएं। भवदीय, (पी.के.अरोड़ा) |