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असेट प्रकाशक

79070899

सांविधिक लेखा-परीक्षकों द्वारा बैंकों में आंतरिक कार्य करना

सन्द

आरबीआई/2008-09/335
सन्दर्भ पर्य सं.02/ 08.91.001/ 2008-09

31 दिसंबर 2008

सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक

महोदय/महोदया,

सांविधिक लेखा-परीक्षकों द्वारा बैंकों में आंतरिक कार्य करना

हम आपका ध्यान 22 अप्रैल 1989 के रिज़र्व बैंक परिपत्र डीबीओडी. सं. एपीपी. बीसी.118/ सी. 452(के)-89 की ओर आकर्षित करते हैं जिसमें बैंकों को यह स्पष्ट किया गया था कि ऐसे किसी भी लेखा-परीक्षा फर्म, जिसे वित्तीय वर्ष के दौरान आंतरिक लेखा-परीक्षा कार्य सौंपा गया हो, के संबंध में उस वर्ष के दौरान और उसके बाद के वर्ष हेतु सांविधिक लेखा-परीक्षा कार्य सौंपने के लिए विचार नहीं किया जाना चाहिए ।

2. लेखा-परीक्षा फर्मों को सांविधिक लेखा-परीक्षकों के रूप में उनकी नियुक्ति के समय आबंटित आंतरिक कार्यों से संबंधित मुद्दे की नये सिरे से जाँच की गई है और निम्नानुसार निर्णय लिया गया है :

"लेखा-परीक्षा फर्मों को चाहिए कि वे वर्ष के दौरान किसी बैंक में आंतरिक कार्य से संबद्ध रहते समय बैंक में उसी वर्ष के दौरान सांविधिक लेखा-परीक्षा कार्य न करें ।यदि उक्त फर्म आंतरिक कार्यों से संबद्ध रहते हैं तो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वे उसी वर्ष के दौरान सांविधिक लेखा-परीक्षा कार्य को स्वीकार करने से पहले आंतरिक कार्य को छोड़ दें ।"

3. उपर्युक्त अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू किये जाएँ ।

4. कृपया प्राप्ति-सूचना भेजें ।

भवदीय

(पुण्यशील शर्मा)
महाप्रबंधक

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