भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग केद्रीय कार्यालय मुंबई ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिक्रम क्र.103 मई 21, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड - निवासियों के लिए सुविधाओं का उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के उपयोग संबंधित जनवरी 24, 2003 की एपी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 73 की ओर आकृष्ट किया जाता है । 2. उदारीकरण के अगले चरण के रूप में, भारत में प्राधिकृत व्यापारी अथवा विदेश में बैंक के साथ विदेशी मुद्रा खाता रखनेवाले निवासी व्यक्ति विदेशी मुद्रा खाता बनाए रखने के लिए वर्तमान विदेशी मुद्रा विनियमावली के अंतर्गत विदेशी बैंको अथवा अन्य प्रतिष्ठित एजेंसियों द्वारा जारी किए गए अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र है। भारत में या विदेश में कार्ड के शुल्क के प्रति किया हुआ व्यय कार्ड धारक के ऐसे विदेशी मुद्रा खाता / खातों से अथवा जहाँ कार्ड धारक का चालू अथवा बचत खाता है उसी बैंक के माध्यम से किए गए प्रेषणों, यदि कोई हो, से निपटाए जाए। इस प्रयोजन के लिए विदेश के कार्ड जारी करने वाले एजेंसी को सीधा प्रेषण्ं करे न कि तीसरी पार्टी को। 3 . इसके अलावा यह भी स्पष्ट किया जाता है कि वर्तमान में निवासियों से आइसीसी के उपयोग के लिए लगाए वही प्रतिबंध, प्रतिबंधित मदां को खरीदने के लिए जैसे लॉटरी टिकट, प्रतिबंधित अथवा जप्त की पत्रिकाओं, जुए में सहभागिता, आदि और कॉल बैंक सेवाओं का भुगतान को लागू होंगे। 4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु की जानकारी अपने सभी संबंधित ग्राहकों को दे दें। 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं। भवदीय, (ग्रेस कोशी) मुख्य महाप्रबंधक |