भारत में बासल II ढांचे के उन्नत दृष्टिकोण आरंभ करना - समय अनुसूची का प्रारूप - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में बासल II ढांचे के उन्नत दृष्टिकोण आरंभ करना - समय अनुसूची का प्रारूप
आरबीआइ/2008-09/376 | ||||||||||||||||||||
बैंपविवि.बीपी. बीसी. सं. 109/21.06.001/2008-09 | ||||||||||||||||||||
5 फरवरी 2009 | ||||||||||||||||||||
16 माघ 1930 (शक) | ||||||||||||||||||||
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी | ||||||||||||||||||||
महोदय | ||||||||||||||||||||
भारत में बासल II ढांचे के उन्नत दृष्टिकोण आरंभ करना - समय अनुसूची का प्रारूप | ||||||||||||||||||||
कृपया नये पूंजी पर्याप्तता ढांचे पर 27 अप्रैल 2007 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 90/02.06.001/2006-07 देखें, जिसके अनुसार भारत में कार्यरत विदेशी बैंक तथा भारत से बाहर कार्यरत भारतीय बैंकों ने 31 मार्च 2008 से बासल II ढांचे के अंतर्गत उपलब्ध अपेक्षाकृत सरल दृष्टिकोण अपनाये हैं । अन्य वाणिज्यिक बैंकों से यह अपेक्षा की गयी है कि वे 31 मार्च 2009 से इन दृष्टिकोणों को अपनाएं । इस प्रकार भारत में बैंकों के लिए ऋण जोखिम के लिए मानकीकृत दृष्टिकोण, परिचालन जोखिम के लिए मूल संकेतक दृष्टिकोण तथा बाजार जोखिमों के लिए मानकीकृत अवधि दृष्टिकोण (बासल II ढांचे के अंतर्गत अंशत: संशोधित) लागू कर दिए गए हैं । | ||||||||||||||||||||
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4. बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे बासल II दस्तावेज में परिकल्पित मानदंडों को घ्यान में रखते हुए उपर्युक्त समय अनुसूची के अनुसार उन्नत दृष्टिकोण अपनाने के लिए अपनी तैयारी का आंतरिक आकलन करें तथा अपने बोर्ड के अनुमोदन से यह निर्णय लें कि क्या वे किसी उन्नत दृष्टिकेण को अपनाना चाहते हैं। जो बैंक उन्नत दृष्टिकोण अपनाने का निर्णय लेते हैं, वे निर्धारित समय अनुसूची के अनुसार यथासमय आवश्यक अनुमोदन के लिए हमसे संपर्क कर सकते हैं। | ||||||||||||||||||||
भवदीय | ||||||||||||||||||||
(प्रशांत सरन) | ||||||||||||||||||||
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |