भारत में बासल II ढाँचे का उन्नत दृष्टिकोण लागू करना - समय अनुसूची - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में बासल II ढाँचे का उन्नत दृष्टिकोण लागू करना - समय अनुसूची
आरबीआइ/2009-10/99 7 जुलाई 2009 अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय भारत में बासल II ढाँचे का उन्नत दृष्टिकोण लागू करना - समय अनुसूची कृपया नये पूंजी पर्याप्तता ढाँचे से संबंधित 27 अप्रैल 2007 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 90/20.06.001/2006-07 देखें, जिसके अनुसार भारत में कार्यरत विदेशी बैंकों और भारत से बाहर परिचालनात्मक मौजूदगी वाले भारतीय बैंकों ने 31 मार्च 2008 से बासल II ढाँचे के अंतर्गत उपलब्ध अपेक्षाकृत सरल दृष्टिकोण अपनाये हैं । अन्य वाणिज्य बैंकों ने भी 31 मार्च 2009 से इन दृष्टिकोणों को अपनाया है । इस प्रकार, भारत में बैंकों के लिए ऋण जोखिम के लिए मानकीकृत दृष्टिकोण, परिचालनात्मक जोखिम के लिए मूल निर्देशक दृष्टिकोण तथा बाजार जोखिम के लिए मानकीकृत अवधि दृष्टिकोण (बासल II ढाँचे के अंतर्गत अंशत: संशोधित) लागू कर दिया गया है। 2. बैंकों द्वारा बासल II ढाँचे के अंतर्गत परिकल्पित उन्नत दृष्टिकोण अपनाये जाने से होने वाली संभावित पूंजीगत दक्षता, जोखिम प्रबंध ढाँचे के आवश्यक उन्नयन तथा इस संबंध में उभरती अंतरराष्ट्रीय प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए यह वांछनीय समझा जा रहा है कि भारत में उन्नत दृष्टिकोणों को लागू करने के लिए एक समय अनुसूची निर्धारित की जाए। इससे बैंक ऋण जोखिम और परिचालन जोखिम के लिए उन्नत दृष्टिकोण तथा बाजार जोखिम के लिए आंतरिक मॉडल दृष्टिकोण (आइएमए) अपनाने के लिए योजना बना सकेंगे और इस हेतु तैयारी कर सकेंगे। 3. अपेक्षित आधारभूत आँकड़े, एमआइएस और कौशल उन्नयन आदि सहित आवश्यक प्रौद्योगिकीय और जोखिम प्रबंध संरचना निर्मित करने में बैंकों को लगने वाले सम्भावित समय को ध्यान में रखते हुए यह प्रस्ताव किया जाता है कि विनियामक पूंजी मापन के लिए उन्नत दृष्टिकोण लागू करने हेतु निम्नलिखित समय अनुसूची निर्धारित की जाए :
4. बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे बासल II दस्तावेज में परिकल्पित मानदंडों को ध्यान में रखते हुए उपर्युक्त समय अनुसूची के अनुसार उन्नत दृष्टिकोण अपनाने के लिए अपनी तैयारी का आंतरिक आकलन करें और अपने बोर्ड के अनुमोदन से निर्णय लें कि क्या वे कोई उन्नत दृष्टिकोण अपनाना चाहते हैं। उन्नत दृष्टिकोण अपनाने का निर्णय लेने वाले बैंक निर्धारित समय अनुसूची के अनुसार आवश्यक अनुमोदन हेतु यथासमय हमसे संपर्क करें। यदि बैंक के आंतरिक आकलन का परिणाम यह दर्शाए कि बैंक उपर्युक्त तारीखों तक उन्नत दृष्टिकोण लागू करने के लिए आवेदन करने की स्थिति में नहीं है तो बैंक अपनी तैयारी के आधार पर कोई उपयुक्त परवर्ती तारीख का चुनाव कर सकता है। 5. यह नोट किया जाए कि बैंकों के पास यह विकल्प होगा कि वे अपने विवेक से एक या अधिक जोखिम संवर्गों के लिए अपनी तैयारी के अनुसार उन्नत दृष्टिकोण अपनाएँ तथा अन्य जोखिम संवर्गों के लिए सरलतर दृष्टिकोण जारी रखें और यह आवश्यक नहीं होगा कि सभी जोखिम संवर्गों के लिए एक ही साथ उन्नत दृष्टिकोण अपनाया जाए। तथापि, बैंकों को कोई भी उन्नत दृष्टिकोण अपनाने के लिए अनिवार्य रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना चाहिए।
(बी. महापात्र) |