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सीमा-पारीय लेनदेनों के लिए विधिक संस्था पहचानकर्ता व्यवस्था लागू करना

भा.रि.बैंक/2021-22/137
ए.पी. (डी.आई.आर.सीरीज़) परिपत्र सं. 20

10 दिसंबर 2021

सेवा में

सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक

सीमा-पारीय लेनदेनों के लिए विधिक संस्था पहचानकर्ता व्यवस्था लागू करना

विधिक संस्था पहचानकर्ता (एलईआई) एक 20-अंकीय संख्या होती है, जिसका उपयोग वित्तीय डेटा प्रणालियों की गुणवत्ता और सटीकता में सुधार के लिए विश्व भर में वित्तीय लेनदेन करने वाले विभिन्न पक्षों की विशिष्ट रूप से पहचान करने के लिए किया जाता है। एलईआई को रिज़र्व बैंक द्वारा चरणबद्ध तरीके से ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) डेरिवेटिव, गैर-डेरिवेटिव बाजारों, बड़े कॉर्पोरेट उधारकर्ताओं और केंद्रीकृत भुगतान प्रणालियों में बड़े मूल्य के लेनदेन में शामिल प्रतिभागियों के लिए लागू किया गया है।

2. एलईआई व्यवस्था का लाभ लेने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि 01 अक्तूबर 2022 से प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक सभी निवासी संस्थाओं (जो व्यक्ति न हो) द्वारा फेमा, 1999 के तहत किए जाने वाले रुपये 50 करोड़ अथवा उससे अधिक मूल्य (प्रति लेनदेन) के पूंजीगत अथवा चालू खातेगत लेनदेन पर कार्रवाई करते समय इन संस्थाओं से एलईआई संख्या प्राप्त करेंगे। किसी अनिवासी प्रतिपक्ष / विदेशी संस्था की एलईआई सूचना की अनुपलब्धता के मामले में, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक कारोबारी व्यवधानों को टालने के उद्देश्य से उन लेनदेनों की प्रक्रिया आगे बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक ऐसी संस्थाओं को 01 अक्तूबर 2022 से पहले किए गए लेनदेनों के लिए भी स्वेच्छा से एलईआई विवरण देने के लिए प्रोत्साहित करें। कोई संस्था जब एलईआई संख्या प्राप्त कर लेती है, तो उसे सभी प्रकार के लेनदेनों में एलईआई संबंधी ब्योरा देना होगा, चाहे लेनदेन का मूल्य कुछ भी हो।

3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों के पास एलईआई सूचना प्राप्त करने के लिए आवश्यक प्रणालियां उपलब्ध होनी चाहिए और उन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि प्राप्त की गई एलईआई संबंधी सूचना वैश्विक विधिक संस्था पहचानकर्ता प्रतिष्ठान (जीएलईआईएफ) की वेबसाइट पर उपलब्ध वैश्विक एलईआई डेटाबेस से मान्य है।

4. एडी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों तथा फेमा, 1999 के तहत बृहद मूल्य के (रुपये 50 करोड़ अथवा उससे अधिक) लेनदेन करने वाली संस्थाओं को अवगत कराएं और उन संस्थाओं को यह भी सूचित करें कि यदि उन्होंने एलईआई प्राप्त नहीं किया है, तो वे समय रहते एलईआई जारी करवा लें।

5. संबंधित संस्थाएं वैश्विक विधिक संस्था पहचानकर्ता प्रतिष्ठान (जीएलईआईएफ) द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी स्थानीय ऑपरेटिंग यूनिट (एलओयू) से एलईआई प्राप्त कर सकती हैं, जो एलईआई के कार्यान्वयन और उपयोग का समर्थन करने वाली संस्था हो। भारत में, लीगल एंटिटी आइडेंटिफायर इंडिया लिमिटेड (एलईआईएल) (https://www.ccilindia-lei.co.in) से एलईआई प्राप्त किया जा सकता है, जिसे रिज़र्व बैंक द्वारा भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत एलईआई निर्गमकर्ता के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। इस संबंध में नियमों, प्रक्रियाओं और आवश्यक दस्तावेजों आदि संबंधी जानकारी एलईआईएल से प्राप्त की जा सकती है।

6. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किये गए हैं और ये किसी अन्य विधि/ कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते हैं।

भवदीय

(अजय कुमार मिश्र)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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