ओएलटीएएस की प्रस्तावना - आरबीआई - Reserve Bank of India
ओएलटीएएस की प्रस्तावना
आरबीआई/2004/129 31 मार्च, 2004 सभी एजेंसी बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदय, ओएलटीएएस की प्रस्तावना जैसा कि आप अवगत हैं, ऑन-लाइन कर लेखांकन प्रणाली (ओएलटीएएस) परियोजना का आरंभिक प्रायोग वर्तमान में 14 प्रमुख शहरों में कार्यान्वित किया जा रहा है। देश भर में आयोजित विभिन्न बैठकों में इस संबंध में प्रगति की समीक्षा की गई है और सभी बैंकों ने अपनी सभी शाखाओं में प्रायोगिक परियोजना का विस्तार करने पर विश्वास व्यक्त किया है। अब हमें केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा यह सलाह दी गई है कि ओएलटीएएस को मौजूदा चालान प्रारूपों के साथ-साथ चालान डाटा के प्रेषण के लिए लेखांकन प्रक्रिया का उपयोग करते हुए अखिल भारतीय प्रायोगिक आधार पर 1-4-2004 से शुरू किया जा सकता है। वे 1 अप्रैल 2004 से सभी बैंक शाखाओं के लिए पायलट परियोजना का विस्तार करना चाहेंगे। उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि विस्तारित प्रायोग मौजूदा लेखांकन प्रक्रियाओं और चालानों पर आधारित होना चाहिए। एकल चालान और नई लेखांकन प्रक्रियाओं के संबंध में अधिसूचना भारत सरकार द्वारा नियत समय में जारी की जाएगी। 2. ओएलटीएएस के परिचालन की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए और साथ ही एजेंसी बैंकों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में तैयारियों की पुष्टि किए जाने के कारण, हम सलाह देते हैं कि वर्तमान लेखांकन, चालान डाटा के प्रसारण के लिए चालान प्रक्रियाओं के आधार पर ओएलटीएएस प्रायोगिक परियोजना का विस्तार 1 अप्रैल, 2004 से देश भर की सभी प्राधिकृत शाखाओं में किया जाए। 3. कृपया प्राप्ति-सूचना दें। भवदीय (प्रबल सेन) |