‘निजी क्षेत्र के बैंकों और विदेशी बैंकों के लिए संरक्षित प्रकटन योजना’ की शुरुआत - आरबीआई - Reserve Bank of India
‘निजी क्षेत्र के बैंकों और विदेशी बैंकों के लिए संरक्षित प्रकटन योजना’ की शुरुआत
आरबीआई/2006-2007/328 18 अप्रैल 2007 भारत में कार्यरत सभी निजी क्षेत्र के बैंक और विदेशी बैंक ‘निजी क्षेत्र के बैंकों और विदेशी बैंकों के लिए संरक्षित प्रकटन योजना’ की शुरुआत भारत सरकार ने अपने दिनांक 21 अप्रैल 2004 के संकल्प के तहत केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को केंद्रीय सरकार या किसी केंद्रीय अधिनियम, सरकारी कंपनियों, सोसाइटीज़ या केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली या उसके द्वारा नियंत्रित स्थानीय प्राधिकरणों के द्वारा या उनके तहत स्थापित किसी निगम के कर्मचारी द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप या पद के दुरुपयोग पर प्रकटन के लिए लिखित शिकायतें प्राप्त करने के लिए पदनामित एजेंसी के रूप में प्राधिकृत किया था और उचित कार्रवाई की सिफारिश की थी। 2. उपर्युक्त संकल्प केंद्रीय सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों पर लागू है जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भी शामिल हैं। चूंकि निजी क्षेत्र के बैंक और विदेशी बैंक उपर्युक्त संकल्प द्वारा कवर नहीं किए जाते हैं, इसलिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने इन बैंकों के लिए ऐसी ही योजना शुरू करने का प्रस्ताव किया। इस योजना का प्रारूप 25 जनवरी 2006 को रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर डाला गया जिसमें आमजनता सहित सभी संबंधितों से सुझाव आमंत्रित किए गए। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राप्त किए गए सुझावों पर विचार करने के बाद इस योजना को तब से अंतिम रूप दिया गया और इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्णय लिया गया है। योजना के ब्यौरे अनुलग्नक में दिए गए हैं। भारत में कार्यरत निजी क्षेत्र के सभी बैंकों और विदेशी बैंकों से अनुरोध है कि वे इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें। 3. कृपया प्राप्ति सूचना दें। भवदीय (एस वी राघवन) |