विदेशी प्रत्यक्ष निवेश येजना के अंतर्गत किसी अनिगमित संस्था द्वारा निवेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश येजना के अंतर्गत किसी अनिगमित संस्था द्वारा निवेश
ए.पी(डीआई आर सिरीज) परिपत्र सं.54 दिसंबर 20, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी प्रत्यक्ष निवेश येजना के अंतर्गत किसी अनिगमित संस्था द्वारा निवेश प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 5(1) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार भारत से बाहर स्थित (बांगलादेश अथवा पाकिस्तान आथवा श्रीलंका के नागरिक के सिवाय) के अलावा भारत से बाहर स्थित कोई संस्था जो निगमित हो या नहीं, (बांगलादेश अथवा पाकिस्तान की किसी संस्था के सिवाय) किसी भारतीय कंपनी के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के अंतर्गत, अनुसूची 1 में विनिर्दिष्ट नियम और शर्तों के अधीन शेयरों अथवा परिवर्तनीय डिबेंचरों की खरीद कर सकते हैं । 2. इस संबंध में सितंबर 16, 2003 के ए.पी(डिआई आर सीरिज) परिपत्र क्रं..14 के अनुसार अन्य सभी को निर्णय की सूचना दी गई थी कि किसी निगमित संस्था को विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना के अंतर्गत स्वचालित मार्ग समेत, कोई भी नया निवेश करने की अनुमति नहीं होगी । 3. तद्नुसार विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण और निर्गाम) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 100/2003-आरबी (प्रतिलिपि संलग्न) द्वारा अधिसूचित किया गया है । यह स्पष्अ किया जाता है कि मेज़बान देश (बांगलादेश अथवा पाकिस्तान की किसी संस्था के सिवाय), संगत संविदाओं, कानूनों के अंतर्गत निगमित/पंजीकृत संस्था को संशोधित विनियम के अनुसार निवेश करने की अनुमति है । 4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विशेष व्यवस्था से अपने सभी निर्यातक ग्राहकों को सूचित कर दें और इसका पूरा विवरण एग्ज़िम बैंक के कार्यालय अथवा उसकी वेबसाईट से प्राप्त करने की सूचना दें । 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए है । भवदीय ग्रेस कोशी |