RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79198215

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीई) द्वारा ऋण में निवेश

आरबीआई/2019-20/150
ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.18

23 जनवरी, 2020

प्रति,

सभी प्राधिकृत व्‍यक्ति

महोदया / महोदय

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीई) द्वारा ऋण में निवेश

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी – I (एडी श्रेणी – I) बैंकों का ध्‍यान 17 अक्तूबर 2019 को जारी अधिसूचना सं. फेमा.396/2019-आरबी के माध्‍यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ॠण लिखत) विनियमन, 2019, समय-समय पर यथा संशोधित और इसके तहत जारी संगत निदेशों की तरफ दिलाया जाता है। 15 फरवरी 2019 को जारी एपी (डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं.19 के साथ पठित 15 जून 2018 को जारी एपी (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.31 (इसके पश्चात निदेश के रूप में उल्लिखित) का अवलोकन भी अपेक्षित है।

2. समीक्षा करने के बाद निदेशों में निम्नलिखित परिवर्तन किए गए हैं:

क) निदेशों के पैराग्राफ 4 (ख) (i) के अनुसार केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों (ट्रेजरी बिल सहित) या राज्य विकास ऋणों में एफपीआई द्वारा अल्पकालिक निवेश उस एफपीआई के कुल निवेश का 20% से अधिक नहीं होगा। इस अल्पकालिक निवेश सीमाको इसके द्वारा 20% से बढ़ाकर 30% किया गया है।

ख) निदशों के पैराग्राफ 4 (ख) (ii) के अनुसार कॉर्पोरेट बांड में एफपीआई द्वारा अल्पकालिक निवेश उस एफपीआई के कुल निवेश का 20% से अधिक नहीं होगा। इस अल्पकालिक निवेश सीमा को इसके द्वारा 20% से बढ़ाकर 30% किया गया है।

ग) प्रतिभूति परिग्रहों में एफपीआई निवेश को वर्तमान में अल्पकालिक निवेश सीमा (पैराग्राफ 4 (ख) (ii)) और इश्यू सीमा (पैराग्राफ 4 (एफ) (iii)) से मुक्त रखा गया है । ये छूट एफपीआई द्वारा निम्नलिखित प्रतिभूतियों में निवेश के लिए भी दी जाएगी :

  1. एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों द्वारा जारी किए गए ऋण लिखत ; तथा

  2. इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड, 2016 के तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल द्वारा अनुमोदित समाधान योजना के अनुसार कॉर्पोरेट इंसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस के तहत कंपनी द्वारा जारी किए गए ऋण लिखत।

3. अद्यतन निदेश संलग्न हैं।

4. इस परिपत्र में निहित निदेशों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के तहत जारी किया गया है और किसी अन्‍य कानून के तहत यदि कोई अनुमति/ अनुमोदन लिया जाना अपेक्षित है, तो उन पर इससे कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।

भवदीय,

(सास्वत महापात्र)
उप महाप्रबंधक (प्रभारी)

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?