विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीई) द्वारा निवेश: निवेश सीमाएँ - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीई) द्वारा निवेश: निवेश सीमाएँ
आरबीआई/2020-21/116 31 मार्च, 2021 प्रति, सभी प्राधिकृत व्यक्ति महोदया / महोदय विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीई) द्वारा निवेश: निवेश सीमाएँ प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I (एडी श्रेणी–I) बैंकों का ध्यान 17 अक्तूबर 2019 की अधिसूचना सं. फेमा.396/2019-आरबी के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ॠण लिखत) विनियमन, 2019 तथा समय-समय पर संशोधित और इसके तहत जारी संगत निदेशों की तरफ दिलाया जाता है। उक्त विषय पर 15 अप्रैल 2020 को जारी एपी (डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं.30 का अवलोकन भी अपेक्षित है। 2. वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए निवेश सीमाएँ क. वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए कार्पोरेट बान्डों में एफपीआई निवेश की सीमा प्रतिभूतियों के बकाया स्टॉक के 15 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहेगी। तदनुसार कार्पोरेट बान्डों में एफपीआई निवेश की संशोधित सीमाएँ, पूर्णांकित करने के बाद, निम्नानुसार रहेंगी (तालिका 1): ख. वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों (जी-सेक) और राज्य विकास ऋण (एसडीएल) में एफपीआई निवेश की संशोधित सीमाओं के बारे में अलग से सूचित किया जाएगा। अगली सूचना मिलने तक , वर्तमान सीमाएँ (तालिका - 2 के अनुसार) लागू रहेंगी।
3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंकों से अपेक्षित है कि वे इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को भी अवगत कराएं। 4. इस परिपत्र में निहित निदेशों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के तहत जारी किया गया है और किसी अन्य कानून के तहत यदि कोई अनुमति/अनुमोदन लिया जाना अपेक्षित है, तो उन पर इससे कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। भवदीया (डिम्पल भांडिया) |