विदेशी प्रतिभूतियों में म्यूच्युअल फंडों द्वारा निवेश - उदारीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी प्रतिभूतियों में म्यूच्युअल फंडों द्वारा निवेश - उदारीकरण
आरबीआइ/2006-07/88
ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.3
जुलाई 26, 2006
सेवा में
सभी श्रेणी घ् के प्राधिकृत व्यापारी बैंक
महोदया/महोदय,
विदेशी प्रतिभूतियों में म्यूच्युअल फंडों द्वारा निवेश - उदारीकरण
प्राधिकृत व्यापारी बैंकों (श्रेणी I) का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना फेमा 120/आरबी-2004 के विनियम 6आ और विनियम 26 और अप्रैल 29, 2003 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.97 की ओर आकर्षित किया जाता है।
2. आदरणीय वित्त मंत्री के वर्ष 2006-07 के बजट भाषण में किए गए प्रस्ताव के अनुसार भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के पास पंजीकृत म्यूच्युअल फंडों के समुद्रपारीय निवेशों की वर्तमान सकल सीमा को बढ़ाया तथा निवेश के अवसरों का विस्तार किया गया है। वर्तमान में, सेबी के पास पंजीकृत म्यूच्युअल पंडों को भारतीय कंपनियों के एडीआर/जीडीआर, निर्धारित ऋण लिखतों और समुद्रपारीय मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध और सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों में कम-से-कम 10 प्रतिशत की शेयर धारितावाले समुद्रपारीय कंपनियों के ईक्विटी में निवेश की अनुमति दी जाती है। म्यूच्युअल फंडों को भारी मात्रा में निवेश योग्य समुद्रपारीय स्टॉक जुटाने में समर्थ बनाने के लिए ऐसी समुद्रपारीय कंपनियों द्वारा सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों में 10 प्रतिशत पारस्परिक शेयर धारिता की आवश्यकता को हटा दिया गया है।
3. सेबी के पास पंजीकृत म्यूच्युअल फंडों द्वारा किए जानेवाले समुद्रपारीय निवेशों की सकल सीमा को तत्काल प्रभाव से एक बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़ाकर 2 बिलियन अमरीकी डॉलर किया गया है। यह भी निर्णय लिया गया है कि अर्हता प्राप्त भारतीय म्यूच्युअल फंडों की सीमित संख्या को सेबी द्वारा यथा अनुमोदित समुद्रपारीय एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों में संचयी रूप से 1 बिलियन अमरीकी डॉलर तक निवेश करने की अनुमति दी जाए।
4. पात्रता मानदंड, सीमा, मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों की पहचान, निवेश योग्य स्टॉक, सकल सीमा की निगरानी आदि सहित बजट घोषणा के कार्यान्वयन के लिए विस्तृत परिचालनात्मक मार्गदर्शी सिद्धांत सेबी द्वारा जारी किए जाएंगे।
5. संलग्नक-1 में दिए गए अनुसार म्यूच्युअल फंड के लिए सारणी में कतिपय आशोधनों के साथ सांख्यिकीय प्रयोजन के लिए अप्रैल 28, 2003 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.96 द्वारा यथानिर्धारित रिज़र्व बैंक को मासिक रूप से सूचित किया जाना जारी रहेगा।
6. विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।
7. प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें।
8. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भवदीय
(एम. सेबेस्टियन)
मुख्य महाप्रबंधक
संलग्नक-I
डजुलाई 26, 2006 का ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 3
(हज़ार अमरीकी डॉलर में)
म्यूच्युअल फंड का नाम |
माह में किए गए निवेश (बहिर्वाह) |
माह में किए गए विनिवेश (अंतर्वाह) |
विदेश में धारित निवेश की निवल राशि |
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एडीआर/ जीडीआर |
ऋण लिखत |
ईक्विटी |
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड |
एडीआर/ जीडीआर |
ऋण लिखत |
ईक्विटी |
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड |
एडीआर/ जीडीआर |
ऋण लिखत |
ईक्विटी |
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड |
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