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सेबी पंजीकृत विदेशी उद्यम पूंजी निवेशकों द्वारा भारतीय उद्यम पूंजी उपक्रमों और/अथवा देशी उद्यम पूंजी निधियों में निवेश

भारिबैंक/2011-12/452
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 93

19 मार्च 2012

सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

सेबी पंजीकृत विदेशी उद्यम पूंजी निवेशकों द्वारा भारतीय उद्यम पूंजी
उपक्रमों और/अथवा देशी उद्यम पूंजी निधियों में निवेश

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंकों का ध्यान समय - समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं फेमा. 20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की अनुसूची 6 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार सेबी पंजीकृत विदेशी उद्यम पूंजी निवेशक (FVCI), किसी भारतीय उद्यम पूंजी उपक्रम (IVCU) अथवा उद्यम पूंजी निधियों (VCF) की ईक्विटी, ईक्विटी संबद्ध लिखतों, कर्ज, कर्ज लिखतों, डिबेंचरों में उनके प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव अथवा निजी तौर पर शेयर आबंटन (Private Placement) के जरिये अथवा उद्यम पूंजी निधि (VCF) द्वारा स्थापित/संचालित योजनाओं/निधियों की ईकाईयों में उसमें उल्लिखित शर्तों के तहत निवेश कर सकते हैं ।

2. अब यह निर्णय लिया गया है कि विदेशी उद्यम पूंजी निवेशकों (FVCIs) को समय - समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं फेमा. 20/2000-आरबी की अनुसूची 6 में विनिर्दिष्ट शर्तों के तहत निजी व्यवस्था के रूप में/किसी तीसरी पार्टी से खरीद द्वारा भी पात्र प्रतिभूतियों (किसी भारतीय उद्यम पूंजी उपक्रम (IVCU) अथवा उद्यम पूंजी निधियों (VCF) की ईक्विटी, ईक्विटी संबद्ध लिखतों, कर्ज, कर्ज लिखतों, डिबेंचरों अथवा उद्यम पूंजी निधि (VCF) द्वारा स्थापित/संचालित योजनाओं/निधियों की ईकाईयों) में निवेश करने के लिए अनुमति दी जाए । यह भी स्पष्ट किया जा रहा है कि सेबी पंजीकृत विदेशी उद्यम पूंजी निवेशकों (FVCIs) को, समय - समय पर यथा संशोधित, सेबी (FVCI) विनियमावली, 2000 के प्रावधानों के अंतर्गत तथा उनमें विनिर्दिष्ट शर्तों पर किसी मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्स्चेंज पर प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए भी अनुमति दी जा सकती है ।

3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों और घटकों को अवगत करायें ।

4. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं फेमा. 20/2000-आरबी) में आवश्यक संशोधन अलग से अधिसूचित किये जा रहे हैं ।

5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं ।

भवदीया,

(मीना हेमचंद्र)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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