समुद्रपारीय बाज़ार में निवेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
समुद्रपारीय बाज़ार में निवेश
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 48 नवंबर 16, 2002 सेवा में महोदया/महोदय समुद्रपारीय बाज़ार में निवेश प्राधिकृत व्यापारीयों का ध्यान अप्रैल 29, 2001 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 40 के पैरा 2 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार बैंकों को अनुमति है कि वे अपनी स्तर 1 सामान्य जोखिम पूंजी के 25 प्रतिशत अथवा 10 मिलियन अमरीकी डॉलर, जो भी अंधिक हो, समुद्रपारीय बाज़ार में अथवा ऋण लिखतों में निवेश कर सकते हैं । 2. बैंकों को निधियों के प्रबंध में और लोच उपलब्ध कराने के विचार से निर्णय किया गया है कि बैंक अब अपनी स्तर 1 की सामान्य जोखिम पूंजी का 50 प्रतिशत (25 प्रतिशत की वर्तमान सीमा के स्थान पर), जो भी अधिक हो, समुद्रपारीय बाज़ार के लिखतों में और/ अथवा ऋण लिखतों में निवेश कर सकते हैं । 3. बाज़ार से उधार लेने संबंधी सीमा समेत अन्य सभी मौजूदा अनुदेश पूर्ववत रहेंगे । 4. विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा उधार देना अथवा लेना) विनियमावली 2000 में संशोधन के लिए अधिसूचना अलग से जारी की जा रहीं है । 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए है । भवदीया (ग्रेस कोशी) |