सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के रूप में वर्गीकरण के उद्देश्य के लिए संयंत्र और मशीनरी में निवेश - दस्तावेजों पर निर्भर होना - आरबीआई - Reserve Bank of India
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के रूप में वर्गीकरण के उद्देश्य के लिए संयंत्र और मशीनरी में निवेश - दस्तावेजों पर निर्भर होना
भा.रि.बैं./2017-18/21 13 जुलाई 2017 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदय / महोदया, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के रूप में वर्गीकरण के उद्देश्य के लिए संयंत्र और मशीनरी में निवेश - दस्तावेजों पर निर्भर होना कृपया “सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) क्षेत्र को उधार” पर एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा जारी दिनांक 5 अक्तूबर 2006 की अधिसूचना सं. एस.ओ.1722 (ई) सहित दिनांक 21 जुलाई 2016 का हमारा मास्टर निदेश विसविवि.एमएसएमई एण्ड एनएफएस. बीसी.सं. 3/06.02.31/2016-17 देखें। उक्त अधिसूचना के पैरा 2 के अनुसार संयंत्र और मशीनरी में निवेश की गणना करते समय उनकी मूल कीमत को ध्यान में रखा जाएगा चाहे संयंत्र और मशीनरी नई या पुरानी (सेकंड हैण्डेड) हो। 2. इस संबंध में एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली ने दिनांक 8 मार्च 2017 के अपने कार्यालय ज्ञापन (ओएम) एफ.सं.12(4)/2017-एसएमई द्वारा स्पष्ट किया है कि उद्यमों के सूक्ष्म, लघु और मध्यम के रुप में वर्गीकरण के लिए संयंत्र और मशीनरी में निवेश निश्चित करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों पर निर्भर हो सकते हैं :
3. साथ ही मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि उद्यमों के सूक्ष्म, लघु और मध्यम के रुप में वर्गीकरण के लिए संयंत्र और मशीनरी में निवेश हेतु संयंत्र और मशीनरी के खरीद मूल्य को ध्यान में रखना चाहिए न कि बही मूल्य (खरीद मूल्य से मूल्यह्रास को घटाकर)। 4. मंत्रालय द्वारा जारी दिनांक 31 मई 2017 के ओएम.एफ.सं. 12(4)/2017-एसएमई के अनुसार उक्त प्रावधान के लिए प्रभावी तारीख एमएसएमईडी अधिनियम, 2006 लागू होने की तारीख होगी न कि भविष्यलक्षी प्रभाव से। साथ ही, एमएसएमईडी अधिनियम, 2006 की धारा 7(1) (ए) और धारा 7 (1) (बी) अर्थात वस्तुओं के विनिर्माण और साथ ही सेवा प्रदान करने वाले उद्यमों के लिए उक्त प्रावधान लागू होंगे। भवदीया (उमा शंकर) |