आरबीआई/विवि/2023-24/140 विवि.एसटीआर.आरईसी. 85/21.04.048/2023-24 27 मार्च, 2024 सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/राज्य सहकारी बैंक/केंद्रीय सहकारी बैंक सभी अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (आवास वित्त कंपनियों सहित) वैकल्पिक निवेश निधि (एआईएफ) में निवेश कृपया उपर्युक्त विषय पर 19 दिसंबर 2023 का परिपत्र विवि.एसटीआर.आरईसी.58/21.04.048/2023-24 ('परिपत्र') देखें, जिसके संदर्भ में विनियमित संस्थाओं (आरई) द्वारा एआईएफ में निवेश से संबंधित कुछ विनियामकीय चिंताओं को दूर करने के लिए निर्देश जारी किए गए थे। 2. विनियमित संस्थाओं के बीच कार्यान्वयन में एकरूपता सुनिश्चित करने और हितधारकों से प्राप्त विभिन्न अभ्यावेदनों में दी गई चिंताओं को दूर करने की दृष्टि से निम्नानुसार सूचित किया जाता है:
- परिपत्र के पैराग्राफ 2 (i) में निर्दिष्ट अधोगामी (डाउनस्ट्रीम) निवेश में आरई की ऋणी कंपनी के इक्विटी शेयरों में निवेश शामिल नहीं होगा तथापि इसमें हाइब्रिड लिखतों (इन्स्ट्रूमेंट्स) में निवेश सहित अन्य सभी निवेश शामिल होंगे।
- परिपत्र के पैराग्राफ 2(iii) में निहित प्रावधान (प्रोविजिनिंग) एआईएफ स्कीम में आरई द्वारा निवेश की उस सीमा तक ही आवश्यक होगा, जिसे एआईएफ द्वारा आगे ऋणी कंपनी में निवेश किया जाता है, और ना कि एआईएफ योजना में आरई के संपूर्ण निवेश पर।
- परिपत्र का पैराग्राफ 3 केवल उन मामलों में लागू होगा जहां आरई की ऋणी कंपनी में एआईएफ का कोई डाउनस्ट्रीम निवेश नहीं है। यदि आरई ने एआईएफ स्कीम की अधीनस्थ इकाइयों में निवेश किया है, जिसमें ऋणी कंपनी का डाउनस्ट्रीम एक्सपोजर भी है, तब आरई को परिपत्र के पैराग्राफ 2 का अनुपालन करना होगा।
- परिपत्र के पैराग्राफ 3 के संबंध में :
- टियर-1 और टियर-2 दोनों पूंजीगत निधिसे पूंजी में प्रस्तावित कटौती समान रूप से होगी।
- एआईएफ स्कीम की अधीनस्थ इकाइयों में निवेश के संदर्भ में प्रायोजक इकाइयों की प्रकृति में निवेश सहित सभी प्रकार के अधीनस्थ जोखिम शामिल हैं।
- फंड ऑफ फंड्स अथवा म्यूच्युअल फंड जैसे मध्यस्थों के माध्यम से एआईएफ में आरई द्वारा निवेश परिपत्र के दायरे में शामिल नहीं है।
3. उपरोक्त अनुदेश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21 और 35ए; भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के अध्याय IIIबी और राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 30ए, 32 और 33 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं। भवदीय, (वैभव चतुर्वेदी) मुख्य महाप्रबंधक |