आरबीआइ/2010-11/444 भुनिप्रवि सं. 2174/02.14.004/2010-2011 23 मार्च 2011 सभी प्रणाली प्रदाता, प्रणाली प्रतिभागी एवं कोई भी संभावित प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ता महोदया/महोदय भारत में प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करना और परिचालन- स्पष्टीकरण. धनशोधन निवारण (लेनदेन के स्वरूप और मूल्य के अभिलेखों का रखरखाव, सूचना प्रस्तुत करने की समय सीमा और उसके रखरखाव की क्रियाविधि और पद्धति तथा बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थाओं और मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहकों की पहचान के अभिलेखों का सत्यापन और रखरखाव) नियमावली, 2005 में संशोधन संबंधी भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना (सं. 14/2010/एफ.सं.6/2/2007-ई.एस. दिनांक 16 दिसंबर 2010) के आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा परिपत्र भारिबैं/2010-11/389 बैंपविवि.एएमएल.सं. 77/14.01.001/2010-11 दिनांक 27 जनवरी 2011 के माध्यम से जारी निदेशों की ओर हम आपका ध्यान आकर्षित करते हैं. 2. उक्त अधिसूचना के अनुसार, राज्य सरकार के अधिकारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित नरेगा द्वारा जारी जॉब कार्ड, और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा जारी नाम, पता और आधार संख्या का विवरण सहित पत्र को पहचान के लिए आधिकारिक रूप से मान्य दस्तावेज़ों के रूप में शामिल करने हेतु पीएमएल नियमावली 2005 के पैरा 2(घ) में संशोधन किया गया है. 3. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 27 अप्रैल 2009 को प्रीपेड लिखतों पर जारी दिशा-निर्देशों का पैरा 6.4(ii) ₹ 5000/- तक के सेमी क्लोज्ड प्रीपेड कार्डों को जारी करने की अनुमति देता है जहां पीएमएलए नियमावली 2005 के नियम 2(घ) के अंतर्गत परिभाषित आधिकारिक रूप से मान्य किसी भी दस्तावेज़ को स्वीकारते हुए ग्राहक सेवा से संबंधित अपेक्षित सावधानी बरती जा सके. इस प्रकार ऐसे कार्ड जारी करते समय जारीकर्ता को पीएमएल नियमावली 2005 के पैरा 2(घ) के अंतर्गत उद्धृत राज्य सरकार के अधिकारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित नरेगा द्वारा जारी जॉब कार्ड, और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा जारी नाम, पता और आधार संख्या का विवरण सहित पत्र को पहचान हेतु आधिकारिक मान्य दस्तावेज़ के रूप में मानना चाहिए. 4. ध्यान रखें कि प्रणाली प्रदाता दिशा-निर्देशों के अन्य प्रावधानों के संदर्भ में अनिवार्य केवाईसी/एएमएल/पीएमएल दिशा-निर्देशों के अनुसार पूर्ण केवाईसी करना जारी रखेंगे. 5. कृपया प्राप्ति सूचना दें. भवदीय, (के. शिवरामन) महाप्रबंधक |