निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा शेयर जारी करना तथा उनका मूल्य निर्धारण - आरबीआई - Reserve Bank of India
निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा शेयर जारी करना तथा उनका मूल्य निर्धारण
निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा शेयर जारी करना तथा उनका मूल्य निर्धारण
संदर्भ : बैंपविवि. सं. पीएसबीएस. बीसी.79 /16.13.100/ 2001-02
20 मार्च 2002
29 फाल्गुन 1923 (शक )
मुख्य कार्यपालक अधिकारी,
निजी क्षेत्र के सभी भारतीय बैंक
प्रिय महोदय,
निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा शेयर जारी करना तथा उनका मूल्य निर्धारण
कृपया हमारा 17 जून 1994 का परिपत्र बैंपविवि. सं. बीसी. 76/16.13.100/94 तथा 10 जुलाई 1998 का परिपत्र बैंपविवि. सं. पीएसबीएस. बीसी. 72/16.13.100/98-99 देखें, जिनके अनुसार शेयर जारी करने और उनके मूल्य निर्धारित करने के संबंध में दिशा-निर्देश निर्दिष्ट किये गये थे । वर्तमान अनुदेशों के अनुसार निजी क्षेत्र वे उन बैंकों के लिए, जिनके शेयर शेयर-बाज़ारों में सूचीबद्ध नहीं हैं, यह आवश्यक है कि वे सभी प्रकार के शेयर, जैसे सार्वजनिक, अधिमान, अधिकार / कर्मचारियों को विशेष आबंटन तथा बोनस शेयर जारी करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन प्राप्त करें । परंतु उन बैंकों को, जिनके शेयर शेयर-बाज़ारों में सूचीबद्ध हैं, बोनस शेयरों को छोड़कर, जिन्हें निजी क्षेत्र के सभी बैंकों द्वारा अधिकार (राइट्स) और सार्वजनिक शेयर निर्गमों से संबद्ध किया जाना है, शेयर जारी करने के लिए रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन लेने की जरूरत नहीं है । इस बीच इस मामले की समीक्षा की गयी है और निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा शेयर जारी करना और उनव ा मूल्य निर्धारण निम्नलिखित दिशा-निर्देशों द्वारा नियंत्रित होगा :
2. आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आइ पी ओ):
(i) सभी बैंकों को आइ पी ओ के लिए रिज़र्व बैंक का अनुमोदन प्राप्त करना चाहिए । शेयर बाज़ारों में सूचीबद्ध होने के बाद बैंक अपने बाद के निर्गमों का मूल्य निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं ।
(ii) निर्गम मूल्य वणिक बैंक की सिफारिश पर आधारित होना चाहिए । ऐसे निर्गमों के मूल्य निर्धारण के लिए सी सी आइ फार्मूले के संदर्भ की आवश्यकता नहीं है ।
3. अधिकार (राइट्स) निर्गम :
इस प्रकार के निर्गमों के लिए सूचीबद्ध और गैर सूचीबद्ध दोनों ही प्रकार के बैंकों के लिए रिज़र्व बैंक के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी ।
4. बोनस निर्गम:
सूचीबद्ध और गैर सूचीबद्ध दोनों ही तरह के निजी क्षेत्र के बैंकों को बोनस निर्गमों के लिए रिज़र्व बैंक का अनुमोदन लेने की जरूरत नहीं है । किन्तु ये निर्गम बोनस शेयरों के निर्गम के संबंध में सेबी की अपेक्षाओं के अधीन होंगे अर्थात् बोनस शेयर (क) वास्तविक लाभ या शेयर प्रीमियम से निर्मित मुक्त प्रारक्षित निधि से जारी किये जाने चाहिए, (ख) आंशिक या पूर्ण रूपेण परिवर्तनीय डिबेंचरों के मूल्य और अधिकार को कम न करते हों, (ग) लाभांश के बदले में नहीं होने चाहिए तथा (घ) तब तक जारी नहीं किये जाने चाहिए, जब तक कि आंशिक रूप से चुकता शेयरों की पूर्णत: चुकौती नहीं कर दी जाती । साथ ही, बोनस निर्गम अधिकार (राइट्स) निर्गमों से संबद्ध किये बिना जारी किये जाने चाहिए ।
5. अधिमान निर्गम:
सभी अधिमान निर्गमों के लिए रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन लेने की आवश्यकता होगी । सूचीबद्ध बैंकों द्वारा अधिमान निर्गमों का मूल्य निर्धारण सेबी के फार्मूले के अनुसार होगा, जबकि गैर सूचीबद्ध बैंकों के संदर्भ में किसी सनदी लेखाकार या किसी मर्चंट बैंकर द्वारा उचित मूल्य निश्चित किया जा सकता है ।
6.
निर्गमों के मूल्य-निर्धारण के ऐसे मामलों में, जिनमें रिज़र्व बैंक का अनुमोदन लेने की आवश्यकता नहीं है, वहां निर्गमों का मूल्य-निर्धारण सेबी के दिशा-निर्देशों के अनुसार होना चाहिए तथा ऐसे मामलों में, जहां रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन लेने की आवश्यकता है, वहां मूल्य निर्धारण के लिए सेबी और रिज़र्व बैंक दोनों के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखना चाहिए ।7.
ये अनुदेश तत्काल प्रभावी हैं ।8.
कृपया पावती भेजें ।भवदीय
(सी. आर. मुरलीधरन )
मुख्य महा प्रबंधक