प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लेनदेनों के लिए भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति की ओर से बैंक गारंटी जारी करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लेनदेनों के लिए भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति की ओर से बैंक गारंटी जारी करना
भारिबैंक/2013-14/230 5 सितंबर 2013 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लेनदेनों के लिए भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति की ओर से बैंक गारंटी जारी करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.5/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली के विनियम 5 (2ए) के साथ पठित, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.20/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके जरिये प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों को, भारतीय कंपनी के शेयर/परिवर्तनीय डिबेंचर खुले प्रस्ताव/सूचीबद्धता से मुक्त होने/छोड़ने के प्रस्ताव द्वारा अर्जन/अंतरण के लिए अनिवासी अर्जक की ओर से एस्क्रो खाता तथा विशेष खाता खोलने की अनुमति, समय-समय पर यथा संशोधित, संबंधित भारतीय़ प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) [शेयरों के भारी मात्रा में अर्जन और टेकओवर (एसएएसटी)] विनियमावली, 1997 के अनुपालन की शर्त पर तथा उक्त अधिसूचना की अनुसूची 8 में विनिर्दिष्ट शर्तों के अधीन दी गयी थी। इसके अलावा, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.8/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों को उसमें बताए गए अनुसार विनिर्दिष्ट प्रयोजनों के लिए गारंटी देने के लिए अनुमति प्रदान की गयी है। 2. परिचालनगत लोचनीयता प्रदान करने तथा प्रक्रिया को सुगम बनाने की दृष्टि से, यह निर्णय लिया गया है कि प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों को, भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन के बगैर, भारतीय कंपनी के शेयर अथवा परिवर्तनीय डिबेंचर खुले प्रस्ताव/सूचीबद्धता से मुक्त होने/छोड़ने के प्रस्ताव द्वारा अनिवासी अर्जक की ओर से बैंक गारंटी जारी करने के लिए अनुमति दी जाए, बशर्तें: ए) लेनदेन भारतीय़ प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (शेयरों के भारी मात्रा में अर्जन और टेकओवर) [सेबी (एसएएसटी)] विनियमावली के उपबंधों के अनुसार है; बी) गारंटी किसी अंतर्राष्ट्रीय विख्यात बैंक की काउंटर गारंटी द्वारा कवर की गयी हो। यह नोट किया जाए कि गारंटी सेबी (एसएएसटी)] विनियमावली के तहत यथा अपेक्षित आफर धारण अवधि (tenure) के अनुरूप अवधि के लिए वैध होगी। 3. गारंटी के आह्वान के मामले में, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों को गारंटी के आह्वान तक पहुंचने की स्तिति संबंधी रिपोर्ट प्रधान मुख्य महाप्रबंधक, विदेशी मुद्रा विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई 400001 को प्रस्तुत करना आवश्यक है। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों को अवगत करायें । 5. भारतीय रिज़र्व बैंक ने अब 5 अगस्त 2013 के जी.एस.आर. सं. 532 (ई) के जरिये अधिसूचित, 5 मार्च 2013 की अधिसूचना सं. फेमा. 265/2013-आरबी तथा 27 अगस्त 2013 के जी.एस.आर. सं. 573 (ई) के जरिये अधिसूचित, 5 मार्च 2013 की अधिसूचना सं. फेमा. 267/2013-आरबी द्वारा संबंधित विनियमों में संशोधन किया है। 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीय, (रुद्र नारायण कर) |