सेवा आयातकों की ओर से बैंक गारंटी जारी करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
सेवा आयातकों की ओर से बैंक गारंटी जारी करना
आरबीआइ/2006-07/181 नवंबर 17, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, सेवा आयातकों की ओर से बैंक गारंटी जारी करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 8/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली, 2000 के विनियम 4 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार उसमें बताए गए निर्दिष्ट प्रयोजनों के लिए प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों को गारंटी देने की अनुमति दी गई है। 2. सेवाओं के आयात की प्रक्रिया को और उदार बनाने की दृष्टि से प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों को अब सेवा आयात करनेवाले अपने ग्राहकों की ओर से गारंटी जारी करने की अनुमति दी गई है, बशर्ते : क. गारंटी रकम 100,000 अमरीकी डॉलर से अधिक नहीं है, 3. गारंटी लागू करने के मामले में, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक, प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, विदेशी मुद्रा विभाग, विदेशी निवेश प्रभाग (बाह्य भुगतान प्रभाग), भारतीय रिज़र्व बैंक, केन्द्रीय कार्यालय, मुंबई 400001 को उन परिस्थितियों के बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें, जिनमें गारंटी लागू किया जाना जरूरी हो गया हो। 4. विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली, 2000 के आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं। 5. प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों को अवगत करा दें। 6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है। भवदीय (सलीम गंगाधरन) |