बिड बाँड गारंटी के बदले कार्पोरेट गारंटी का निर्गम - आरबीआई - Reserve Bank of India
बिड बाँड गारंटी के बदले कार्पोरेट गारंटी का निर्गम
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 41 नवंबर 8, 2002 सेवा में महोदया/महोदय बिड बाँड गारंटी के बदले कार्पोरेट गारंटी का निर्गम प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा सं. 8/2000 आरबी के विमय 5 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार प्रधिकृत व्यापारियों से भिन्न कोई भी व्यक्ति कुछ किस्म के मामलों में गारंटी देने के लिए अनुमत है । 2. रिज़र्व बैंक ने उक्त अधिसूचना को संशोधित करते हुए 18 मार्च 2002 (प्रतिलिपि संलग्न) अधिसूचना सं. फेमा 56 /2002-आरबी जारी की है जिसमें विदेश में परियोजनाओं के निष्पादन के लिए, सेवा संविदा समेंत, कुछ शर्तों के तहत बिड बाँड गारंटी के बदले कार्पोरेट गारंटी जारी करने की अनुमति दी गई बशर्ते कि ऐसी गारंटी की रकम संविदा मूल्य के 5 प्रतिशत से अधिक न हो । परंतु निर्यातकों को सुनिश्चित करना होगा कि पीईएम ज्ञापन में समाहित प्रावधान और बोली लगाने के लिए समय समय पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अनुदेशों का पालन किया जाए । 3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों को दे दें । 4. मार्च 18, 2002 की अधिसूचना सं. फेमा. 56/2002 आरबी के अनुसार मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.8/2000-आरबी में यथावश्यक संशोधन किया जाए । 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए है । भवदीया (ग्रेस कोशी) |