विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड निर्गम योजना 2008 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड निर्गम योजना 2008
आरबीआइ/2008-09/192 23 सितंबर , 2008 सेवा में महोदय/महोदय विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड निर्गम योजना 2008सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) श्रेणी-I बैंकों का ध्यान , भारत सरकार , वित्त मंत्रालय, आर्थिक कार्य विभाग की 15 फरवरी 2008 की अधिसूचना जी.एस.आर. 89(ङ) ,जिसकी एक प्रति संलग्न है, द्वारा अधिसूचित विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड निर्गम योजना 2008 की ओर आकर्षित किया जाता है । 3. विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड का अभिप्राय है कि विदेशी मुदा में व्यक्त किया जाने वाला वह बॉण्ड जिसकी मूल राशि तथा ब्याज दोनों ही विदेशी मुदा में देय हों , जो एक निर्गम कंपनी द्वारा जारी किया गया हो और भारत के बाहर रहने वाले किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा विदेशी मुदा में अभिदत्त तथा किसी दूसरी कंपनी जिसे ऑफर्ड कंपनी कहा जाता है , जो या तो पूर्णतया अथवा आंशिक रूप से अथवा ऋण लिखतों से संबध्द की , किसी इक्विटी के आधार पर परिवर्तनीय हो । विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड किसी मुक्त रूप से परिवर्तनीय विदेशी मुदा के मूल्यवर्ग में हो सकते हैं । 5.ऑफर्ड कंपनी : ऑफर्ड कंपनी एक सूचीबद्ध कंपनी होगी जो विदेश प्रत्यक्ष निवेश प्राप्ति के लिए पात्र क्षेत्र में कार्यरत है तथा विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड(एफसीईबी) अथवा बाह्य वाणिज्यिक उधार के जारी करने की पात्र होगी । 6. कंपनियां जो विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड(एफसीईबी) जारी करने की पात्र नहीं है 7. पात्र अभिदाता : विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड(एफसीईबी) जारी करते समय विदेश प्रत्यक्ष निवेश नीति तथा सेक्टोरल कैप संबंधी निर्देशों का पालन करने वाली कंपनियां विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड(एफसीईबी) में अभिदान कर सकती हैं । विदेश प्रत्यक्ष निवेश नीति के तहत यथावश्यक विदेश प्रत्यक्ष निवेश संवर्धन बोर्ड की पूर्व अनुमति प्राप्त कर लेना चाहिए । 8. कंपनियां जो विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड(एफसीईबी) में अभिदान करने की पात्र नहीं है 9. विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड(एफसीईबी)की आय का प्रयोजनपरक उपयोग निर्गम कंपनी (ii) निर्गम कंपनी द्वारा विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड(एफसीईबी) से प्राप्त राशि प्रवर्तक समूह की कंपनियों में निवेश की जा सकती है । प्रवर्तक समूह की कंपनियां 10.प्रयोजनपरक उपयोग अनुमत नहीं 11. समग्र लागत :धविदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड(एफसीईबी) पर देय ब्याज दर तथा विदेशी मुदा में किये गये निर्गम खर्चे , बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति के तहत भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित समग्र लागत सीमा के भीतर होंगे । 12. विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड (एफसीईबी)पर मूल्य अंकित करना 14. विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड(एफसीईबी) से आगत राशि को विदेशों में रखना यह निर्गम कंपनियों की जिम्मेदारी होगी कि वे यह सुनिश्चित करें कि विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड(एफसीईबी) से प्राप्त होने वाली आय बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति के के तहत निर्धारित केवल अनुमत प्रयोजनपरक कार्यों के लिए उपयोग किये जाते हैं। निर्गम कंपनी , निर्गम कंपनियों/प्रवर्तक समूह कंपनियों द्वारा प्रयोजनपरक-उपयोग से प्राप्त आय की , नामित प्राधिकृत व्यापारी बैंक द्वारा विधिवत् प्रमाणित आडिट ट्रायल भी भारतीय रिजर्व बैंक को प्रस्तुत करे। 16. यह योजना तत्काल प्रभाव से लागू होगी । 17. 3 मई 2000 की , विदेशी मुद्रा प्रबंध (उधार लेना अथवा विदेशी मुद्रा में उधार देना) विनियमावली 2000, समय समय पर यथासंशोधित तथा 7 जुलाई 2004 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2004 , समय समय पर यथासंशोधित, में किये गये आवश्यक संशोधन अलग से जारी किये जा रहे हैं। 18.श्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) बैंक , कृपया इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने सभी संघटकों तथा ग्राहकों को अवगत करा दें। 19. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है। भवदीय (सलीम गंगाधरन) |