RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

107333534

भारतीय निक्षेपागार रसीदों का निर्गम

आरबीआइ 2009-10/106
ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.05

22 जुलाई 2009

सभी श्रेणी - । प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदय/महोदया

भारतीय निक्षेपागार रसीदों का निर्गम

सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान, कंपनी कार्य मंत्रालय द्वारा अधिसूचित कंपनी (भारतीय निक्षेपागार रसीदों का निर्गम)नियमावली, 2004 (आईडीआर नियमावली) और उसके बाद उसमें अब तक किए गए संशोधनों और  भारत में विदेशी कंपनियों द्वारा भारतीय निक्षेपागार रसीदें जारी करने और  भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के ( प्रकटीकरण और निवेशक संरक्षण ) दिशा-निर्देश, 2000 के संबंधमें भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा जारी 3 अप्रैल 2006 के परिपत्र सेबी/सीएफडी/डीआईएल/डीआईपी/20 /2006/3/4 की ओर आकर्षित किया जाता है।

2. किसी घरेलू निक्षेपागार के माध्यम से भारत से बाहर पात्र निवासी कंपनियों को भारतीय निक्षेपागार रसीदों (आईडीआर) का निर्गम सुगम बनाने तथा भारत में निवासी तथा भारत से बाहर के व्यक्तियों को भारतीय निक्षेपागार रसीदें (आईडीआर)खरीदने, धारण करने, अंतरित करने और और मोचित करने की अनुमति प्रदान करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि भारत सरकार द्वारा अधिसूचित,समय-समय पर यथा संशोधित भारतीय निक्षेपागार रसीद (आईडीआर) नियमावली को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया जाए ।

3. तदनुसार, भारत से बाहर की पात्र निवासी कंपनियाँ किसी स्वदेशी निक्षेपागार के माध्यम से भारतीय निक्षेपागार रसीदें (आईडीआर)जारी कर सकती हैं। यह अनुमति कंपनी (निक्षेपागार रसीदों का निर्गम) नियमावली तथा उसके बाद उसमें अब तक किए गए संशोधनों और समय-समय पर यथा संशोधित भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) (डीआईपी) दिशा-निर्देश, 2000 के अनुपालन के अधीन दी गई है। किसी शाखा अथवा सहायक कंपनी द्वारा भारतीय निक्षेपागार रसीदों (आईडीआर)के निर्गम के माध्यम से निधि प्राप्त करने के लिए इच्छुक भारत में कार्यरत वित्तीय/बैंकिंग कंपनियाँ भारतीय निक्षेपागार रसीदें (आईडीआर)जारी करने से पूर्व क्षेत्र नियंत्रक (नियंत्रको) का अनुमोदन प्राप्त करें।

भारत के निवासी व्यक्तियों/विदेशी संस्थागत निवेशकों/अनिवासी भारतीयों द्वारा निवेश

4. भारतीय निक्षेपागार रसीदों (आईडीआर)में निवेश तथा उसके बाद भारत में मान्यता प्राप्त किसी शेयर बाज़ार में लेनदेन से उत्पन्न अंतरण के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 की धारा 2(v) के अंतर्गत यथा पारिभाषित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा) विनियमावली भारत में निवासी व्यक्तियों पर लागू नहीं होगी। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा विदेशी संथागत निवेशकों के अनुमोदित उप-खातों सहित विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई),भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी )के साथ पंजीकृत और अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी समय-समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति के अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 के अधीन भारत के बाहर निवासी पात्र कंपनियों के भारतीय पूँजी बाज़ार में जारी भारतीय निक्षेपागार रसीदों (आईडीआर)में निवेश, खरीद, धारण और अंतरण कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त अनिवासी भारतीय किसी प्राधिकृत व्यापारी/प्राधिकृत बैंक में अपने नाम रखे गए एनआरइ/एफसीएनआर (बी) में धारित निधियों में से भारतीय निक्षेपागार रसीदों (आईडीआर) में निवेश कर सकते हैं।

प्रतिमोचन

5. भारतीय निक्षेपागार रसीदों (आईडीआर)के स्वचालित प्रतिमोचन की अनुमति नहीं है।

मोचन की अवधि

6. भारतीय निक्षेपागार रसीदों (आईडीआर)के निर्गम की तारीख से एक वर्ष की अवधि की समाप्ति के पूर्व भारतीय निक्षेपागार रसीदें (आईडीआर)अंतर्निहित इक्विटी शेयरों में मोचन योग्य नहीं होंगी।

अंतरण और मोचन की प्रक्रिया

7.भारतीय निक्षेपागार रसीदों (आईडीआर)का अंतर्निहित शेयरों में मोचन/परिवर्तन के समय भारतीय निक्षेपागार रसीदों (आईडीआर)के भारतीय धारकों को (भारत के निवासी व्यक्ति) समय-समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति के अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 के प्रावधानों का अनुपालन करना होगा। भारतीय निक्षेपागार रसीदों (आईडीआर)के मोचन पर निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए:

(i) सूचीबद्ध भारतीय कंपनियाँ समय-समय पर यथा संशोधित 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना संख्या फेमा 120/आरबी-2004 के विनियम 6बी और 7 के शर्तों के अधीन अंतर्निहित शेयरों की या तो बिक्री कर सकती हैं अथवा धारण करना जारी रख सकती हैं।

(ii) सेबी में पंजीकृत भारतीय पारस्परिक निधियाँ समय-समय पर यथा संशोधित दिनांक 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना संख्या फेमा 120/आरबी-2004 के विनियम 6सी की शर्तों के अधीन अंतर्निहित शेयरों की या तो बिक्री कर सकती हैं अथवा धारण करना जारी रख सकती हैं।

(iii) निवासी व्यक्तियों सहित भारत में निवासी अन्य व्यक्तियों को भारतीय निक्षेपागार रसीदों (आईडीआर)को अंतर्निहित शेयरों में बदले जाने की तारीख से 30 दिन की अवधि के भीतर केवल विक्रय के प्रयोजन से अंतर्निहित शेयरों को धारण करने की अनुमति दी गई है।

(iv) विदेशी संस्थागत निवेशकों और अनिवासी भारतीयों के भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी ) अनुमोदित उप-खातों सहित विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा भारतीय निक्षेपागार रसीदों (आईडीआर)के मोचन पर अंतर्निहित शेयरों के धारण पर विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम प्रावधान लागू नहीं होंगे।

8. अन्य

भारतीय निक्षेपागार रसीदों (आइडीआर) के निर्गम की आय को ऐसी भारतीय निक्षेपागार रसीदें (आईडीआर) जारी करने वाली पात्र कंपनियों द्वारा तत्काल भारत से बाहर प्रत्यावर्तित कर दिया जाए। जारी की गई भारतीय निक्षेपागार रसीदों (आईडीआर)को भारतीय रुपए में मूल्यवर्गांकित किया जाए।

9. प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।

10. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000 और विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम)विनियमावली 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।

11. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

भवदीय

(सलीम गंगाधरन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?