म्युचुअल फंडों तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से स्टॉक एक्स्चेंजों को अविकल्पी अदायगी प्रतिबद्धताओं (आइपीसी) जारी करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
म्युचुअल फंडों तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से स्टॉक एक्स्चेंजों को अविकल्पी अदायगी प्रतिबद्धताओं (आइपीसी) जारी करना
भारिबैंक/2010-11/491 अप्रैल 29, 2011 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय म्युचुअल फंडों तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से स्टॉक एक्स्चेंजों को अविकल्पी अदायगी प्रतिबद्धताओं (आइपीसी) जारी करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। (एडी श्रेणी -।) बैंकों का ध्यान, समय समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध( भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 के विनियम 5 (2) तथा अनुसूची 2 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड(सेबी) के पास पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक, निवेश संविभाग योजना (पोर्टफोलियो निवेश योजना) (पीआइएस) के तहत किसी भारतीय कंपनी के शेयर अथवा परिवर्तनीय डिबेंचर खरीद सकते हैं । इसके अतिरिक्त, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंकों का ध्यान समय समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 8/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों को निधि आधारित/गैर निधि आधारित सुविधाओं की अनुमति नहीं है । 2. अब यह निर्णय लिया गया है कि अभिरक्षक(कस्टोडियन) बैंकों को पोर्टफोलियो निवेश योजना (पीआइएस) के तहत शेयरों की खरीद के लिए उनके विदेशी संस्थागत निवेशक ग्राहकों की ओर से स्टॉक एक्स्चेंजों/स्टॉक एक्स्चेंजों के समाशोधन निगमों के पक्ष में अविकल्पी अदायगी प्रतिबद्धताएं (आइपीसी) जारी करने के लिए अनुमति दी जाए । रिज़र्व बैंक द्वारा, समय समय पर जारी, पूँजी बाजार के प्रति बैंकों के एक्सपोजर संबंधी रिज़र्व बैंक विनियमावली के अनुसार अविकल्पी अदायगी प्रतिबद्धताएं (आइपीसी)जारी होनी चाहिए । इस संबंध में, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक हमारे बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग (डीबीओडी) द्वारा जारी 30 सितंबर 2010 का परिपत्र सं. डीबीओडी डीआइआर.बीसी.46/13.03.00/2010-11 देखें । 3. 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 8/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किये जाएंगे । 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें । 5. इस परिपत्र में समाहित निर्देश, विदेशी मुद्रा अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं। भवदीया ( मीना हेमचंद्र ) |