अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) दिशानिर्देश - मालिकाना प्रतिष्ठान के खाते - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) दिशानिर्देश - मालिकाना प्रतिष्ठान के खाते
आरबीआइ/2009-10/461 12 मई 2010 मुख्य कार्यपालक अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) दिशानिर्देश - मालिकाना प्रतिष्ठान के खाते कृपया 18 फरवरी 2005 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.एएमएल.बीसी.सं. 80/07.40.00/2004-05 में संलग्न ’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंडों तथा धनशोधन निवारक उपायों पर दिशा-निर्देशों का पैरा 3 देखें। बैंकों को यह सूचित किया गया है कि वे विधिक हस्तियों के लिए ग्राहक पहचान प्रक्रिया के आंतरिक दिशानिर्देश बनाएं जो ऐसी हस्तियों के साथ संपर्क से प्राप्त अनुभव, सामान्य बैंकर के विवेक तथा स्थापित प्रथाओं के अनुसार विधिक अपेक्षाओं पर आधारित हों। यदि बैंक ग्राहक स्वीकार्यता नीति के अनुसार ऐसे खातों को स्वीकार करता है तो उसे लाभान्वित स्वामी (स्वामियों) की पहचान करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए और उसकी पहचान का इस प्रकार सत्यापन करना चाहिए कि बैंक इस बात से संतुष्ट हो कि लाभान्वित स्वामी कौन है। 2. स्पष्टता के लिए अब यह निर्णय लिया गया है कि मालिकाना प्रतिष्ठानों के खाते खोलने के लिए ग्राहक की पहचान-प्रक्रिया हेतु मानदंड निर्धारित किए जाएं । तदनुसार, स्वत्वधारी पर लागू ग्राहक पहचान प्रक्रिया संबंधी मौजूदा दिशानिर्देशों का अनुपालन करने के अलावा बैंक मालिकाना प्रतिष्ठान के नाम से खाते खोलने से पहले निम्नलिखित दस्तावेज की मांग करें तथा उनका सत्यापन करें:
3. ये दिशानिर्देश सभी नए ग्राहकों पर लागू होंगे जबकि मौजूदा ग्राहकों के खातों के मामले में उपर्युक्त औपचारिकताएं समयबद्ध रीति से 31 दिसंबर 2010 से पहले पूरी की जानी चाहिए । 4. कृपया हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्राप्ति-सूचना दें। भवदीय (आर.सी.षडंगी) |