अपने ग्राहक को जानिए (केवायसी) दिशानिर्देश – मालिकाना फर्मों के खाते - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिए (केवायसी) दिशानिर्देश – मालिकाना फर्मों के खाते
भारिबैं/2014-15/581 30 अप्रैल 2015 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) महोदय, अपने ग्राहक को जानिए (केवायसी) दिशानिर्देश – मालिकाना फर्मों के खाते कृपया उक्त विषय पर 29 मई 2012 का परिपत्र सं.गैबैंपवि (नीप्र) कंपरि.सं.275/03.10.42/2011-12 का अवलोकन करें। 2. रिजर्व बैंक को एकल स्वामित्व वाली फर्मों के खाते खोलते समय कुछ मामलों में एक्टिविटी के सबूत के रूप में दो दस्तावेज प्रस्तुत करने की अपेक्षा के पालन में आने वाली कठिनाइयां बताते हुए अभ्यावेदन प्राप्त होते रहे हैं। यह संभव है कि कतिपय प्रकार की एक्टिविटीयों में ऐसे दो दस्तावेज प्रस्तुत करने में वास्तविक कठिनाई होती हो। इसलिए, ऐसे मामलों में मालिकाना फर्मों के खाते खोलने की प्रक्रिया को सहज बनाने की दृष्टि से मामले की समीक्षा की गई है। डिफ़ाल्ट नियम यह है कि मालिकाना फर्म द्वारा उक्त परिपत्र के पैरा 2 में सूचीबद्ध किए गए दस्तावेजों में से कोई भी दो दस्तावेज एक्टिविटी के साक्ष्य के रूप में उपलब्ध कराए जाने चाहिए। तथापि, जहां एनबीएफसी इस बात से संतुष्ट हों कि ऐसे दो दस्तावेज प्रस्तुत करना संभव नहीं है, ऐसे मामलों में एक्टिविटी के साक्ष्य के रूप में केवल एक दस्तावेज स्वीकार करने का विवेकाधिकार उनके पास होगा। तथापि, ऐसे मामलों में एनबीएफसी को संपर्क -स्थल का सत्यापन करना होगा तथा ऐसी जानकारी प्राप्त करनी होगी, जो फर्म के अस्तित्व को स्थापित करने, पुष्टि करने तथा स्वयं को आश्वस्त करने के लिए अपेक्षित हो कि मालिकाना फर्म के पते पर जाकर कारोबारी एक्टिविटी का सत्यापन किया गया है। 3. यहां यह भी स्पष्ट किया जाता है कि उक्त परिपत्र के पैरा 2(i) में दर्शाई गई पंजीकरण प्राधिकारियों की सूची केवल उदाहरण के रूप में है, और इसलिए इसमें किसी संविधि के अंतर्गत शामिल व्यावसायिक निकाय द्वारा मालिकाना फर्म के नाम पर जारी किए गए कारोबारी लाइसेंस/प्रमाणपत्र को मालिकाना फर्म की एक्टिविटी को प्रमाणित करने वाले दस्तावेज के रूप में शामिल किया गया है। 4. एनबीएफसी उपर्युक्त अनुदेशों के प्रकाश में अपनी केवायसी नीति में संशोधन करें तथा उसका कड़ाई से अनुपालन किया जाना सुनिश्चित करें। भवदीया, (सिंधु पंचोली) |