अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) दिशानिर्देश-कम जोखिम वालेग्राहकों के लिए आवधिक अद्यतनीकरण पर स्पष्टीकरण, एक ही ग्राहक द्वारा नया खाता खोलने पर फिर से केवाईसी किए जाने की आवश्यकता नहीं - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) दिशानिर्देश-कम जोखिम वालेग्राहकों के लिए आवधिक अद्यतनीकरण पर स्पष्टीकरण, एक ही ग्राहक द्वारा नया खाता खोलने पर फिर से केवाईसी किए जाने की आवश्यकता नहीं तथा केवाईसी का अनुपालन नहीं करने वाले खातों के लिए आंशिक फ्रीजिंग – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
आरबीआई/2014-15/274 22 अक्तूबर 2014 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / महोदय, अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) दिशानिर्देश-कम जोखिम वालेग्राहकों के लिए आवधिक अद्यतनीकरण पर स्पष्टीकरण, एक ही ग्राहक द्वारा नया खाता खोलने पर फिर से केवाईसी किए जाने की आवश्यकता नहीं तथा केवाईसी का अनुपालन नहीं करने वाले खातों के लिए आंशिक फ्रीजिंग – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक रिजर्व बैंक समय – समय पर केवाईसी मानदंडों को सरल बनाता रहा है ताकि जन सामान्य को बैंक खाते खोलने और आवधिक अद्यतनीकरण की अपेक्षाओं को पूरा करने में आने वाली कठिनाईयों को कम किया जा सके । तथापि, भारतीय रिजर्व बैंक के ध्यान में लाया गया है कि इन उपायों तथा बैंकों द्वारा इस दिशा में किए गए विभिन्न प्रयासों के बावजूद भी, ग्राहकों को आवधिक अद्यतनीकरण संबंधी अपेक्षाओं को पूरा करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, यह भी सूचित किया गया है कि कई ग्राहकों द्वारा आवधिक अद्यतनीकरण के समय केवाईसी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण कई खाते अभी भी केवाईसी अनुपालित होने से बचे हुए हैं। इसके चलते अक्सर केवाईसी अनुपालन नहीं करने वाले खाते परिचालन में बने रहते हैं और ये धनशोधन निवारण तथा आतंकवादी वित्तपोषण के प्रति असुरक्षित बने रहते हैं। 2. इस परिप्रेक्ष्य में, आपका ध्यान 30 सितंबर 2014 को घोषित चौथे द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2014-15 के पैरा 31 और 32 (उद्दरण संलग्न) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें आवधिक अद्यतनीकरण के दौरान अपनाए जाने वाले मानदंडों को सरल किए जाने तथा केवाईसी का अनुपालन नहीं करने वाले खातों के लिए ‘आंशिक फ्रीजिंग’ की बात कही गई है। 3. 'ग्राहकों के प्रति समुचित सावधानी बरतने से संबंधित उपाय' पर हमारे द्वारा जारी 16 सितंबर 2014 के आरबीआई/2014-15/232 शबैंवि.बीपीडी(पीसीबी).परि.सं.15/14.01.062/2014-15 के अनुसार मौजूदा ग्राहकों में उच्च/मध्यम/कम जोखिम वाले ग्राहकों के लिए क्रमश: दो/आठ/दस वर्ष के अंतराल पर ग्राहक के संबंध में उचित सावधानी उपाय लागू किए जाने की अपेक्षा बनी रहेगी। इसके लिए पिछला ग्राहक उचित सावधानी उपाय कब तथा कैसे किया गया और प्राप्त डेटा की पर्याप्तता को ध्यान में रखा जाए। केवाईसी अपेक्षाओं के अनुपालन में आने वाली समस्याओं को और कम किए जाने के लिए धनशोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) तथा नियम (पीएमएलआर) के समग्र ढांचे के भीतर, निम्नानुसार स्पष्ट किया जाता है कि:
4. जहां तक, बैंकों द्वारा बार-बार स्मरण कराए जाने के बावजूद केवाईसी अपेक्षाओं का अनुपालन न करने वाला ग्राहकों का प्रश्न है, यह निर्णय लिया गया है कि बैंक केवाईसी अपेक्षाओं का अनुपालन न करने वाले ऐसे खातों के लिए चरणबद्ध रूप में ‘आंशिक फ्रीजिंग’ लागू करें। इसी बीच, खाताधारक प्रभावी अनुदेशों के अनुसार केवाईसी दस्तावेज प्रस्तुत करके खाते को पुन : चालू करा सकता है। बैंको को सूचित किया जाता है कि ‘आंशिक फ्रीजिंग’ लागू करने हेतु वे यह सुनिश्चित कर लें कि ‘आंशिक फ्रीजिंग’ के विकल्प का प्रयोग करने से पूर्व केवाईसी अपेक्षाएं पूरी करने हेतु ग्राहक को शुरुआत में तीन माह का अपेक्षित नोटिस दिया गया है और इसके बाद स्मरण पत्र जारी करके तीन माह का और समय दिया गया हो। इसके पश्चात, बैंक खाता बंद करने की स्वतंत्रता के साथ ही, सभी क्रेडिट लेनदेनों की अनुमति तथा डेबिट लेनेदनों की मनाही करते हुए ‘आंशिक फ्रीजिंग’ लागू कर सकते हैं। यदि शुरुआती ‘आंशिक फ्रीजिंग’ लागू किए जाने के बाद भी खाते में छह माह तक केवाईसी अनुपालन नही होता है तो बैंक इसे अपरिचालित मानते हुए खाते से सभी नामे और जमा लेनदेनों हेतु मनाही कर सकते हैं। इसके अलावा, बैंक के पास ऐसे ग्राहकों के खाते को बंद करने का विकल्प सदा खुला रहेगा। 5. शहरी सहकारी बैंक उपर्युक्त अनुदेशों को ध्यान में रखकर अपनी केवाईसी नीतियों का संशोधित करें और इनका कडाई से अनुपालन किया जाना सुनिश्चित करें। भवदीया, (सुमा वर्मा) संलग्नक : यथोक्त चौथा द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2014-15 31. बैंक खाता खोलने और आवधिक अद्यतनीकरण में सामान्य आदमी के समक्ष पेश आने वाली समस्याओं के मद्देनजर 'अपने ग्राहक को जानिए' (केवाईसी) पर दिशानिर्देशों को तुरंत प्रभाव से और भी अधिक सरल कर दिया जाएगा ताकि बैंक:
32. बैंकों के लिए लंबे समय से ‘कम जोखिम’ ग्राहकों सहित सभी ग्राहकों के लिए केवाईसी पूरा करने की आवश्यकता है। बैंकों को ग्राहक के लिए प्रयास को कम करते हुए प्रलेखन पूरा करना चाहिए जिसकी सख्ती से आवश्यकता है। ऐसी स्थिति में जब ग्राहक एक उचित समय अवधि के अंदर अनुपालन करने में असमर्थ हो तो केवाईसी का अनुपालन नहीं करने वाले ग्राहकों के लिए आंशिक फ्रिजिंग शुरू की जाए अर्थात ऐसे खातों में जमा की अनुमति दी जाएगी जबकि आहरण की अनुमति नहीं होगी और इसके साथ खाताधारकों को विकल्प दिया जाएगा कि वह खाते को बंद कर दे और खाते में रखे धन को वापस प्राप्त करें। |