RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79143693

अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंड/ धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/ आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्‍व – विदेशी संविभाग निवेशकों (एफपीआई) के लिए केवाईसी मानदंडों का सामंजस्‍य - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

आरबीआई/2013-14/604
शबैंवि.बीपीडी(एडी)परि.सं.9/14.01.062/2013-14

26 मई 2014

मुख्यकार्यपालकअधिकारी
सभीएडी संवर्ग । प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदया/ महोदय,

अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंड/ धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/ आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्‍व – विदेशी संविभाग निवेशकों (एफपीआई) के लिए केवाईसी मानदंडों का सामंजस्‍य - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

कृपया पहला द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य 2014-14 देखें, जिसमें अन्‍य बातों के साथ-साथ यह प्रस्‍ताव किया गया था कि एफपीआई द्वारा बैंक खाते खोलने के लिए केवाईसी संबंधी प्रक्रिया को सरल बनाया जाए।

2. वर्ष 2013-14 के बजट प्रस्‍तावों तथा धनशोधन निवारण (अभिलेखों का रख-रखाव) नियमावली, 2005 (नियमावली) में हाल के संशोधनों के परिणामस्‍वरूप भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एफपीआई के प्रवेश हेतु केवायसी मानदंडों को तर्कसंगत बनाया है (उनके 12 सितंबर 2013 के परिपत्र एमआईआरएसडी/07/2013 के द्वारा)। भारतीय रिज़र्व बैंक को भी सुझाव मिल रहे हैं कि एफपीआई द्वारा बैंक खाते खोलने के मामले में केवायसी मानदंडों को भी उसी प्रकार तर्कसंगत बनाया जाए। भारत सरकार के साथ परामर्श करके इस मामले की जांच की गई तथा यह निर्णय लिया गया है कि एफपीआई के मामले में केवाईसी मानदंडों को सरल बनाया जाए।

3. सेबी द्वारा एफपीआई को उनके आकलित जोखिम प्रोफाइल के आधार पर वर्गीकृत किया गया है, जिसका ब्‍योरा अनुबंध 1 में दिया गया है। नियमावली के नियम 9 (14)(i) के अनुसार सरलीकृत मानदंड ऐसे एफपीआई के लिए निर्धारित किए गए हैं, जो सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार विधिवत पंजीकृत हैं तथा सेबी द्वारा विनियमित अभिरक्षक/ मध्‍यस्‍थ के माध्‍यम से जिनका सेबी द्वारा निर्धारित अपेक्षित केवायसी उचित सावधानी/ सत्‍यापन किया जा चुका है। ऐसे पात्र/पंजीकृत एफपीआई संविभाग निवेश योजना (पीआईएस) के अंतर्गत निवेश करने के प्रयोजन से बैंक खाता खोलने के लिए किसी बैंक से संपर्क कर सकते हैं, जिसके लिए रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित केवायसी दस्‍तावेज (अनुबंध ॥ में दिए गए ब्‍योरे के अनुसार) आवश्‍यक होंगे। इस प्रयोजन से बैंक नियमावली के नियम 9(2) [(क) से (ड) तक] में दी गई शर्तों के अधीन किसी तीसरे पक्ष (अर्थात् अभिरक्षक/ सेबी द्वारा विनियमित मध्‍यस्‍थ) द्वारा किए गए केवायसी सत्‍यापन पर निर्भर रह सकते हैं।

4. इस संबंध में सेबी से अनुरोध किया गया है कि उनके द्वारा विनियमित अभिरक्षकों/ मध्‍यस्‍थों को सूचित किया जाए कि एफपीआई से लिखित प्राधिकार के आधार पर वे संबंधित बैंकों के साथ केवायसी दस्‍तावेजों का आदान-प्रदान करें। तदनुसार, एफपीआई द्वारा अभिरक्षकों/ विनियमित मध्‍यस्‍थों को प्रस्‍तुत संबंधित केवायसी दस्‍तावेजों की हार्ड-कॉपी का एक सेट उनके प्राधिकृत प्रतिनिधियों के माध्‍यम से संबंधित बैंक को अंतरित किया जाए। दस्‍तावेजों का अंतरण करते समय अभिरक्षक/ विनियमित मध्‍यस्‍थ यह प्रमाणित करेगा कि दस्‍तावेजों का मूल दस्‍तावेजों के साथ विधिवत् सत्‍यापन किया गया है, अथवा जहां लागू हो, नोटरी द्वारा प्रमाणित दस्‍तावेज प्राप्‍त किए गए हैं। इस संबंध में अभिरक्षक/ विनियमित मध्‍यस्‍थ तथा बैंक, दोनों स्‍तरों पर अंतरणकर्ता तथा अंतरिती संस्‍थाओं के अधिकारियों के हस्‍ताक्षर के साथ दस्‍तावेजों के अंतरण का उचित अभिलेख रखा जाए। उपर्युक्‍त प्रक्रिया के अनुसार एफपीआई का बैंक खाता खोलते समय बैंकों को यह बात ध्‍यान में रखनी चाहिए कि तीसरे पक्ष (अर्थात् अभिरक्षक/ विनियमित मध्‍यस्‍थ) द्वारा ग्राहकों के संबंध में बरती गयी समुचित सावधानी के लिए अंतिम रूप से बैंक उत्‍तरदायी हैं तथा यदि अपेक्षित हो, तो यथालागू अतिरिक्‍त उचित सावधानी उपाय करना उनके लिए आवश्‍यक होगा। इसके अलावा, बैंकों से अपेक्षित है कि वे एफपीआई अथवा एफपीआई की ओर से कार्य करने वाले ग्‍लोबल अभिरक्षक से इस आशय का वचनपत्र प्राप्‍त करें कि जब भी जरूरत होगी, अनुबंध ॥ में बताए गए छूट प्राप्‍त दस्‍तावेज प्रस्‍तुत किए जाएंगे।

5. आगे यह भी सूचित किया जाता है कि द्वितीयक बाजार लेनदेनों को आसान बनाने की दृष्टि से बैंक एफपीआई से प्राप्‍त केवायसी दस्‍तावेज अथवा अभिरक्षक/ विनियमित मध्‍यस्‍थ से प्राप्‍त प्रमाणित प्रतियों का एफपीआई के द्वारा लिखित प्राधिकार के आधार पर अन्‍य बैंकों/ विनियमित बाजार मध्‍यस्‍थों के साथ आदान-प्रदान कर सकते हैं।

6. इस परिपत्र के प्रावधान नए और विद्यमान, दोनों एफपीआई ग्राहकों पर लागू होंगे। ये प्रावधान केवल एफपीआई की संविभागीय निवेश योजनाओं के लिए ही लागू होंगे। यदि एफपीआई उपर्युक्‍त प्रक्रिया के अंतर्गत खोले गए बैंक खाते का प्रयोग किसी अन्‍य अनुमोदित कार्यकलाप (अर्थात् पीआईएस के अलावा) के लिए करना चाहते हों, तो उन्‍हें 'अपने ग्राहक को जानिए (केवायसी) मानदंड/ धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/ आतंकवाद के वित्‍तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/ पीएमएलए, 2002 के अधीन बैंकों के दायित्‍व' विषय पर 01 जुलाई 2013 के मास्‍टर परिपत्र शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी).एमसी सं. 16/12.05.001/2013-14 में निर्धारित केवाईसी का पालन करना होगा।

7. शहरी सहकारी बैंक उपर्युक्‍त अनुदेशों को देखते हुए अपनी केवाईसी नीति में संशोधन करें तथा उसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें।

भवदीय,

(पी.के अरोड़ा)
महाप्रबंधक

संलग्‍नक: यथोक्‍त


अनुलग्नक I

वर्ग

पात्र विदेशी निवेशक

I

सरकारी एवं सरकार से संबंधित विदेशी निवेशक जैसाकि विदेशी केंद्रीय बैंक, सरकारी एजंसी, शासकीय वेल्थ फंड, अंतराष्ट्रीय/ बहुपक्षीय संगठन/ एजंसी

II

  1. उचित रूप से विनियमित वैविध्यपूर्ण फंड जैसाकि पारस्परिक निधि, निवेश ट्रस्ट, बीमा/ पुनर्बीमा कंपनी, अन्य वैविध्यपूर्ण फंड आदि।

  2. उचित रूप से विनियमित संस्था जैसाकि बैंक, आस्ति प्रबंधन कंपनी, निवेश प्रबंधक/ सलाहकार, पोर्टफोलियो प्रबंधक आदि।

  3. वैविध्यपूर्ण फंड जिसके निवेश प्रबंधक उचित रूप से विनियमित हो

  4. विश्वविद्यालय फंड और पेंशन फंड

  5. पहले से ही सेबी के पास एफ़आईआई/ उप खाते के रूप में पंजीकृत विश्वविद्यालय से जुड़े धर्मदा

III

सभी अन्य विदेशी निवेशक जो भारत में पीआईएस रूट में निवेश कर रहे हैं वे वर्ग I और II के अधीन जैसाकि धर्मदा, धर्मार्थ सोसाईटी/ ट्रस्ट, फाऊंडेशन, कार्पोरेट निकाय, ट्रस्ट, व्यक्ति, पारिवारिक कार्यालय आदि द्वारा निवेश करने के लिए पात्र नहीं है।


अनुलग्नक II

पीआईएस के अधीन पात्र एफ़पीआई के लिए केवाईसी दस्तावेज़

 

एफ़पीआई प्रकार

दस्तावेज़ का प्रकार

वर्ग I

वर्ग II

वर्ग III

प्रवेश स्तर

विधायक दस्तावेज (समझौता ज्ञापन और संस्था के अंतर्नियम, निगमन प्रमाणपत्र आदि.)

अनिवार्य

अनिवार्य

अनिवार्य

पते का सबूत

अनिवार्य (मुख्तारनामा{पीओए} पते के सबूत के रूप में स्वीकार करने लायक पते का उल्लेख करते हुए)

अनिवार्य
(मुख्तारनामा
पते के सबूत के रूप में स्वीकार करने लायक पते का उल्लेख करते हुए)

अनिवार्य मुख्तारनामा के सिवा

पैन कार्ड

अनिवार्य

अनिवार्य

अनिवार्य

वित्तीय डाटा

छूट-प्राप्त *

छूट-प्राप्त *

अनिवार्य

सेबी पंजीकरण प्रमाणपत्र

अनिवार्य

अनिवार्य

अनिवार्य

बोर्ड संकल्प

छूट-प्राप्त *

अनिवार्य

अनिवार्य

वरिष्ठ प्रबंधन
(पूर्ण समय निदेशक/ भागीदार/ ट्रस्टी/ आदि.)

सूची

अनिवार्य

अनिवार्य

अनिवार्य

पहचान का सबूत

छूट-प्राप्त *

छूट-प्राप्त *

संस्था द्वारा पत्रशीर्ष में
पूरा नाम, राष्ट्रीयता, जन्म तिथि के साथ घोषणा* करते हैं या प्रस्तुत करते हैं

पते का सबूत

छूट-प्राप्त *

छूट-प्राप्त *

पत्रशीर्ष में
घोषणा *

फोटोग्राफ

छूट-प्राप्त

छूट-प्राप्त

छूट-प्राप्त *

अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता

सूची एवं
हस्ताक्षर

अनिवार्य
- वैश्विक अभिरक्षक को पीओए देने के मामले में वैश्विक अभिरक्षक हस्ताक्षरकर्ताओं की सूची दिया जा सकता है

अनिवार्य
- वैश्विक अभिरक्षक को पीओए देने के मामले में वैश्विक अभिरक्षक हस्ताक्षरकर्ताओं की सूची दिया जा सकता है

अनिवार्य

पहचान का सबूत

छूट-प्राप्त *

छूट-प्राप्त *

अनिवार्य

पते का सबूत

छूट-प्राप्त *

छूट-प्राप्त *

पत्रशीर्ष में
घोषणा *

फोटोग्राफ

छूट-प्राप्त

छूट-प्राप्त

छूट-प्राप्त *

अंतिम
लाभार्थी स्वामी (यूबीओ)

सूची

छूट-प्राप्त *

अनिवार्य
(25% से ऊपर यूबीओ की घोषणा नहीं कर सकता ”)

अनिवार्य

फोटोग्राफ

छूट-प्राप्त *

छूट-प्राप्त *

अनिवार्य

पते का सबूत

छूट-प्राप्त *

छूट-प्राप्त *

पत्रशीर्ष में
घोषणा *

फोटोग्राफ

छूट-प्राप्त

छूट-प्राप्त

छूट-प्राप्त *

* बैंक खाता खोलते वक्त जरूरी नहीं है। फिरभी, विनियामक/ कानून प्रवर्तन एजंसी द्वारा मांग किए जाने पर संबद्ध एफ़पीआई द्वारा संबंधित दस्तावेज़ बैंक को प्रस्तुत किया जाए।

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?