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अपने ग्राहक को जानिए मानदण्ड-भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा जारी पत्र जिसमें नाम, पता एवं आधार सं. के ब्यौरे दिए गए हैं

आरबीआई/2011-12/223
ग्राआऋवि.केंका.आरसीबी.एएमएल.बीसी.सं.23/07.40.00/2011-12

 17 अक्तूबर 2011

अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंक

महोदय,

अपने ग्राहक को जानिए मानदण्ड-भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा जारी पत्र
जिसमें नाम, पता एवं आधार सं. के ब्यौरे दिए गए हैं

कृपया भारत सरकार की अधिसूचना सं.14/2010/एफ.सं.6/2/2007-ईएस 16 दिसंबर 2010 देखें जिसमें भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा जारी पत्र को जिसमें नाम, पता और आधार संख्या के ब्यौरे अंकित हैं, धनशोधन निवारण नियम, 2005 के नियम 2(1) (घ) में दिये गये आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज के रूप में मान्यता दी गई है ।

2.  कृपया, इस संबंध में 26 अप्रैल 2011 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि. केंका.आरसीबी. एएमएल.बीसी.सं.63/73.40.00/2011-12 का पैराग्राफ 5 देखें, जिसमें यह निर्धारित किया गया था कि खाता खोलने के लिए जब बैंक ‘अपने ग्राहक को जानिए’ दस्तावेज के रूप में केवल ‘आधार पत्र’ को ही खाता खोलने का आधार मानें तो ऐसा खाता उक्त संदर्भित सरकारी अधिसूचना में वर्णित ‘छोटे’ खातों पर लागू सभी शर्तों एवं सीमाओं के अधीन होगा । सरकार के साथ हुए  परामर्श के पश्चात् अब यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा उपर्युक्त के अनुसार जारी पत्र को, बैंक खाते खोलने के लिए छोटे खातों पर लागू सीमाओं, जैसा कि हमारे संदर्भित परिपत्र के पैरा 5 में निर्धारित किया गया है, के बिना ही आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाए ।

3.  कृपया इस संदर्भ में आपका ध्यान ग्राहक पहचानने के संबंध में दिनांक 18 फरवरी 2005 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.एएमएल.बीसी.सं. 80/07.40.00/2004-05 के साथ संलग्न "अपने ग्राहक को जानिए " मानदंड तथा "धन-शोधन निवारण उपायों" पर दिशा-निर्देशों के अनुबंध II की ओर भी आकर्षित किया जाता है । यह पुनः दोहराया जाता है कि ‘आधार’ के आधार पर खाते खोलते समय भी बैंकों को मौजूदा अनुदेशों के अनुसार ग्राहक के वर्तमान पते के संबंध में अपेक्षित साक्ष्य प्राप्त करके संतुष्टि कर लेनी चाहिए ।

4.  कृपया इस पत्र की प्राप्ति-सूचना हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें।

भवदीय,

(सी.डी.श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक

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