अपने ग्राहक को जानिये (केवाइसी) मापदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने / धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत प्राधिकृत व्याक्तियों का दायित्व- धन अंतरण सेवा योजना (एमटी - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिये (केवाइसी) मापदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने / धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत प्राधिकृत व्याक्तियों का दायित्व- धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) के तहत सीमापार आवक विप्रेषण
भारिबैंक/2010-11/293 30 नवंबर 2010 सभी प्राधिकृत व्यक्ति, जो मुद्रा अंतरण सेवा योजना के तहत भारतीय एजेंट हैं महोदया/महोदय अपने ग्राहक को जानिये (केवाइसी) मापदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने / धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत प्राधिकृत व्याक्तियों का दायित्व- धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) के तहत सीमापार आवक विप्रेषण प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) के तहत सीमापार आवक विप्रेषण के बारे में अपने ग्राहक को जानिये (केवाइसी) मापदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने / धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत प्राधिकृत व्याक्तियों का दायित्व पर 27 नवंबर 2009 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 18 (ए.पी. (एफएल सिरीज) परिपत्र सं. 05) की ओर आकर्षित किया जाता है । वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की सिफारिशें लागू न करनेवाले अथवा अपर्याप्त रूप से लागू करने वाले देश 2. उपर्युक्त में उल्लिखित 27 नवंबर 2009 के परिपत्र के संलग्नक-1,पैराग्राफ 5.10(ख) में, प्राधिकृत व्यक्तियों (एपीएस) को सूचित किया गया था कि वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) विवरण में पहचाने गये अनुसार क्षेत्राधिकार में इन क्षेत्रों से किसी व्यक्तिगत के साथ व्यवहार करते समय एएमएल/सीएफटी प्रणाली में समय समय पर पायी गयी कमियों से उत्पन्न होनेवाले जोखिमों को ध्यान में रखना आवश्यक है । यह सूचित किया जाता है कि प्राधिकृत व्यक्तियों (भारतीय एजेंट) को, समय समय पर जारी वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) विवरणों के अतिरिक्त, वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की सिफारिशें लागू न करनेवाले अथवा अपर्याप्त रूप से लागू करने वाले देशों को पहचानने के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का उपयोग करने पर भी विचार करना चाहिए । इसके अतिरिक्त, यह स्पष्ट किया जाता है कि प्राधिकृत व्यक्तियों (भारतीय एजेंट) को, वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की सिफारिशें लागू न करनेवाले अथवा अपर्याप्त रूप से लागू करने वाले देशों और वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) विवरणों में सम्मिलित किये गये क्षेत्राधिकार के तहत आनेवाले देशों से अथवा देशों में व्यक्तियों (विधिक व्यक्ति और अन्य वित्तीय संस्थाओं सहित) के साथ व्यवसाय संबंध तथा लेनदेन करते समय विशेष ध्यान देना चाहिए । 3. 27 नवंबर 2009 के परिपत्र के संलग्नक-।, पैराग्राफ 5.6 के अंतर्गत, यह सूचित किया गया है कि अपने ग्राहक को जानिये की प्रभावी क्रियाविधि का अत्यंत आवश्यक घटक सतत निगरानी रखना है । इस संबंध में, यह सूचित किया जाता है कि प्राधिकृत व्यक्तियों (भारतीय एजेंट) को, वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) विवरणों में सम्मिलित किये गये क्षेत्राधिकार से और वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की सिफारिशें लागू न करनेवाले अथवा अपर्याप्त रूप से लागू करने वाले देशों के व्यक्तियों (विधिक व्यक्ति और अन्य वित्तीय संस्थाओं सहित) की पृष्ठभूमि तथा लेनदेनों के प्रयोजन की जांच करनी चाहिए । इसके अतिरिक्त, यदि लेनदेनों का कोई स्पष्ट आर्थिक अथवा प्रत्यक्ष कानूनी प्रयोजन नहीं है तो ऐसे लेनदनों की पृष्ठभूमि तथा प्रयोजन की यथा संभव, जांच की जानी चाहिए और सभी दस्तावेजों के साथ लिखित निष्कर्ष रोक रखने चाहिए तथा अनुरोध किये जाने पर रिज़र्व बैंक/अन्य संबंधित प्राधिकरण को उपलब्ध कराये जाने चाहिए । 4. ये दिशा-निर्देश यथोचित परिवर्तनों सहित धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) के तहत भारतीय एजेंटों के सभी उप-एजेंटों को भी लागू होंगे और प्राधिकृत व्यक्तियों (भारतीय एजेंट) की स्वयं की यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होगी कि उनके उप-एजेंट भी इन दिशा-निर्देशों का पालन करते हैं। 5. प्राधिकृत व्यक्ति (भारतीय एजेंट) इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों को अवगत करायें । 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1), और धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए), 2002 और समय समय पर यथा संशोधित धन शोधन निवारण (लेनदेनों के स्वरुप और लागत के अभिलेखों का रखरखाव, रखरखाव की प्रक्रिया और पद्धति तथा जानकारी प्रस्तुत करने के लिए समय और बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहकों की पहचान के अभिलेखों का सत्यापन और रखरखाव) नियम, 2005 के तहत जारी किये गये हैं । दिशा-निर्देशों का अनुपालन न करने पर संबंधित अधिनियमों अथवा उसके तहत बनाये गये नियमों के दंडात्मक प्रावधानों को लागू किया जाएगा । भवदीय (सलीम गंगाधरन) |