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अपने ग्राहक को जनिए मानदंड / धन शोधन निवारण मानक /आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्व

आरबीआई/2010-11/410
शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी)सं.37/12.05.001/2010-11

18 फरवरी, 2011

मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक(शहरी) सहकारी बैंक

महोदय

अपने ग्राहक को जनिए मानदंड / धन शोधन निवारण मानक /आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्व

15 दिसंबर, 2004 के शबैवि पीसीबी परिपत्र सं 30/09.161.00/2004-05 के माध्यम से ज़ारी केवाईसी विनिर्देशों के अनुसार बैंकों को खाता खोलते समय कुछ ग्राहक पहचान प्रणाली अपनाने, नकद अंतरण को अनुवीक्षित करने तथा संदेहजनक अंतरण के संबंध में जानकारी उचित प्राधिकारियों को देने हेतु सूचित किया  था।

2. उपर्युक्त परिपत्र से संलग्न अपने ग्राहक को जनिए मानदंड एवं धन शोधन निवारण मानक के पैरा 2(VI) के अनुसार बैंकों से यह अपेक्षा की गयी है कि वे उच्चतर जोखिम वाले ग्राहकों के संबंध में समुचित सावधानी बरतने के उन्नत उपाय लागू करें। उक्त पैराग्राफ में ऐसे ग्राहकों के उदाहरण भी दिए गए हैं जिनके लिए उच्चतर सावधानी बरतना आवश्यक है । आगे यह सूचित किया जाता है कि नकदी की प्रमुखता वाले कारोबार में उच्चतर जोखिम को देखते हुए बुलियन व्यापरियों (छोटे व्यापरियों सहित) तथा जौहरियों को भी बैंकों द्वारा `उच्च जोखिम' संवर्ग में रखा जाना चहिए, जिनके लिए उच्चतर सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।

3. तदनुसार, उक्त परिपत्र के पैरा 4 के अनुसार बैंकों से यह भी अपेक्षित है कि वे इन `उच्च जोखिम वाले खातों' के लेनदेनों के संबंध में भी कड़ी निगरानी रखें। वित्तीय आसूचना एकक- भारत को संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट (एसटीआर) भेजने हेतु संदेहास्पद लेनदेनों की पहचान करने के लिए बैंकों को इन खातों से जुड़े उच्च जोखिम को ध्यान में रखना चहिए।

4. ये दिशनिर्देश धन शोधन निवारण (लेनदेन के स्वरूप और मूल्य के अभिलेखों का रखरखाव, सूचना प्रस्तुत करने की समय सीमा और उसके रखरखाव की क्रियविधि और पद्धति तथा बैंकिंग कंपनियों,वित्तीय संस्थाओं और मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहकों की पहचान के अभिलेखों का सत्यापन और रखरखाव) नियमावली,2005 के नियम 7 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949(सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35 (क) के अंतर्गत जारी किए गए हैं। इनका किसी भी प्रकार का उल्लंघन या अननुपालन संबंधित अधिनियम/नियमावली के अंतर्गत दंडनीय है।

भवदीया

(उमा शंकर)
मुख्य महाप्रबंधक

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