RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79231596

अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्‍व - केवाईसी को आवधिक रूप से अद्यतन करने के मानदंड को सरल बनाना

आरबीआई/2013-14/150
बैंपविवि. एएमएल. बीसी सं. 34/14.01.001/2013-14

23 जुलाई 2013

अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)/
स्थानीय क्षेत्र बैंक/अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं

महोदय

अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्‍व - केवाईसी को आवधिक रूप से अद्यतन करने के मानदंड को सरल बनाना

कृपया अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)/धनशोधन निवारण (एएमएल)मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) /धनशोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए), 2002 पर दिनांक 1 जुलाई 2013 के हमारे मास्‍टर परिपत्र बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 24/14.01.001/2013-14 का पैराग्राफ 2.4 (छ) देखें जिसमें कहा गया है कि खाता खोलने के बाद बैंकों को ग्राहक पहचान संबंधी जानकारी (फोटोग्राफ सहित) को आवधिक रूप से अद्यतन करने की एक प्रणाली भी प्रारंभ करनी चाहिए। इस तरह से ग्राहक पहचान संबंधी जानकारी को अद्यतन बनाने की आवधिकता कम जोखिम श्रेणी के ग्राहकों के मामले में पांच वर्ष में एक बार से कम नहीं होनी चाहिए और उच्‍च तथा मध्‍यम जोखिम श्रेणियों के मामले में दो वर्ष में एक बार से कम नहीं होनी चाहिए।

2. थोड़े-थोड़े अंतराल पर नये केवाईसी दस्‍तावेज प्राप्‍त करने/जमा करने में बैंकरों/ग्राहकों द्वारा व्‍यक्‍त व्‍यावहारिक कठिनाइयों/अवरोधों को ध्‍यान में रखकर उक्‍त विषय की समीक्षा की गई है, क्‍योंकि विशेषकर कम जोखिम वाले ग्राहकों द्वारा पूर्व में जमा किए गए ऐसे दस्‍तावेज अधिकांश खातों में अपरिवर्तित रहे हैं। तदनुसार, प्राप्‍त सुझावों के आधार पर, अनुदेशों में निम्‍नानुसार संशोधन करने का निर्णय लिया गया हैः

  1. बैंकों के लिए आवश्‍यक होगा कि वे प्रत्‍येक ग्राहक से व्‍यावसायिक संबंध के बारे में उचित सावधानी बरतना जारी रखें और यह सुनिश्चित करने के लिए लेनदेन की बारीकी से जांच करें कि वे ग्राहक के संबंध में अपने ज्ञान, उसके व्‍यापार और जोखिम प्रोफाइल और, जहां भी जरूरी हो, निधि के स्रोत के संबंध में सुसंगत हैं।

  2. उच्‍च जोखिम वाले व्‍यक्तियों और संस्‍थाओं के लिए कम-से-कम प्रत्‍येक दो वर्षों में पूर्ण केवाईसी अभ्‍यास किया जाना आवश्‍यक होगा।

  3. निम्‍न जोखिम वाले व्‍यक्तियों और संस्‍थाओं के लिए कम-से-कम प्रत्‍येक दस वर्षों में और मध्‍यम जोखिम वाले व्‍यक्तियों और संस्‍थाओं के लिए कम-से-कम प्रत्‍येक आठ वर्ष में पूर्ण केवाईसी अभ्‍यास किया जाना आवश्‍यक है।

  4. मध्‍यम जोखिम वाले व्‍यक्तियों और संस्‍थाओं के लिए कम-से-कम प्रत्‍येक दो वर्षों में और निम्‍न जोखिम वाले व्‍यक्तियों और संस्‍थाओं के लिए प्रत्‍येक तीन वर्षों में सकारात्‍मक पुष्टि (ई-मेल/पत्र/टेलीफोन वार्ता/फॉर्म/साक्षात्‍कार/दौरे इत्‍यादि के माध्‍यम से केवाईसी संबंधी अद्यतन स्थिति प्राप्‍त करना) करना आवश्‍यक होगा।  

  5. नाबालिक ग्राहक के वयस्‍क हो जाने पर उससे नवीन फोटोग्राफ प्राप्‍त करना आवश्‍यक होगा।  

3. बैंकों के लिए आवश्‍यक है कि वे उक्‍त अनुदेशों को ध्‍यान में रखकर अपनी केवाईसी नीति में संशोधन करें और उक्‍त का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें।

भवदीय

(प्रकाश चंद्र साहू)
मुख्‍य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?