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अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) नियम / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफ़टी) - जोखिम संवर्गीकरण और ग्राहक विवरणों (प्रोफाइल्स) को अद्यतन करना

भारिबैं/2012-13/144
गैबैंपवि(नीप्र) केंका.सं: 298/03.10.42 /2012-13

26 जुलाई 2012

सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां /अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियां

महोदय,

अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) नियम / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफ़टी) - जोखिम संवर्गीकरण और ग्राहक विवरणों (प्रोफाइल्स) को अद्यतन करना

कृपया अपने ग्राहक को जानिए(केवाईसी) / धनशोधन निवारण (एएमएल) /आंतकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) पर 2 जुलाई 2012 का मास्टर परिपत्र गैबैंपवि (नीप्र) कंपरि.सं: 285/03.10.42/2012-13 में जोखिम का मूल्यांकन और निगरानी पर पैरा 16 का अवलोक करें।

2. केवाईसी/एएमएल/ सीएफ़टी उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए बैंकों को सूचित किया गया था कि वे ग्राहकों के जोखिम संवर्गीकरण और ग्राहक पहचान से संबंधित आंकड़ों को अद्यतन करने के लिए आवधिक समीक्षा की एक प्रणाली स्थापित करें।

3. इस संदर्भ में, कृपया 17 अप्रैल 2012 को घोषित मौद्रिक नीति वक्तव्य 2012-13 में केवाईसी / एएमएल दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन से संबंधित पैरा 98 और 99 (उद्धरण संलग्न, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए भी लागू) देखें। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को ज्ञात है कि ग्राहकों का जोखिम संवर्गीकरण तथा ग्राहक विवरणों (प्रोफाइल्स) का समेकन व आवधिक अद्यतन एवं खातों में अलर्ट्स की मॉनीटरिंग व समापन जैसे कार्य केवाईसी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। तथापि, इस क्षेत्र में रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन में शिथिलता पायी गई है, जिससे गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में परिचालनगत जोखिम की संभावना बढ़ जाती है। अत: गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को केवाईसी/ एएमएल/सीएफ़टी पर विनियामक दिशानिर्देशों का अनुपालन शब्द एवं अर्थ दोनों दृष्टियों से सुनिश्चित करना चाहिए।

4. तदनुसार, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को सूचित किया जाता है कि वे अपने वर्तमान सभी ग्राहकों का जोखिम संवर्गीकरण, ग्राहक विवरणों (प्रोफाइल्स) का समेकन व अद्यतन करने की प्रक्रिया समयबद्ध रीति से, लेकिन किसी भी हालत में मार्च 2013 के अंत तक, पूरा कर लें।

भवदीया,

(चंदना दासगुप्ता)
उप महाप्रबंधक

संलग्न: यथोपरि।

मौद्रिक नीति वक्तव्य 2012-13

केवाईसी/एएमएल दिशा-निर्देशों का कार्यान्वयन

98. ग्राहकों के जोखिम वर्गीकरण के साथ-साथ ग्राहक विवरणों (प्रोफाइल्स) का समेकन व आवधिक अद्यतनीकरण (अपडेशन) एवं खातों में अलर्ट्स की मॉनीटरिंग व समापन (क्लोज़र) जैसे कार्य बैंकों के कारोबार के विकास में सहायक होने के साथ-साथ केवाईसी के प्रभावी कार्यान्वयन व धन-शोधन निवारण (एएमएल) और आतंकवाद की फाइनैंसिंग से लड़ने के लिए भी बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। तथापि, केवाईसी/एएमएल पर रिज़र्व बैंक के दिशा-निर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन में ढिलाई देखी जा रही है। केवाईसी/एएमएल प्रक्रिया में किसी प्रकार की कमज़ोरी से बैंकों के लिए परिचालनात्मक जोखिम (ऑपरेशनल रिस्क) की संभावना बढ़ जाती है। अत: बैंकों को केवाईसी/एएमएल संबंधी विनियामक दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। तदनुसार, प्रस्ताव है कि :

  • बैंकों को निदेश दिया जाए कि वे अपने वर्तमान सभी ग्राहकों का जोखिम वर्गीकरण, ग्राहक विवरणों (प्रोफाइल्स) का समेकन व आवधिक अद्यतनीकरण (अपडेशन) एक निश्चित समय में पूरा कर लें पर किसी भी हालत में मार्च-2013 के अंत तक।

99. इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।

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