वृहत एक्स्पोजर ढांचा - आरबीआई - Reserve Bank of India
वृहत एक्स्पोजर ढांचा
भारिबैं/2019-20/178 23 मार्च 2020 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदय/महोदया वृहत एक्स्पोजर ढांचा कृपया उक्त विषय पर दिनांक 03 जून 2019 का परिपत्र सं.बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.43/21.01.003/2018-19 देखें। 2. इस परिपत्र के पैरा 7.13 के अनुसार, ऋण जोखिम मिटिगेशन (सीआरएम) लिखत (जैसे कि एसबीएलसी/ प्रधान कार्यालय/अन्य विदेशी शाखा से बीजी) जिसमें से एक्स्पोजर/जोखिम भार आदि को अंतरित करना जैसे सीआरएम लाभ नहीं प्राप्त किया जाता है, को सीआरएम प्रदाता पर एक एक्स्पोजर के रूप में नहीं गिना जा सकता है। 3. बैंकों ने स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या उपर्युक्त दिशानिर्देश भारत से बाहर निवासी व्यक्ति पर भी लागू होंगे। इस संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि उक्त खंड भारत से बाहर निवासी व्यक्ति को दिए गए गैर-निधि आधारित ऋण सुविधाओं पर भी लागू होगी, अर्थात, एक्स्पोजर को प्रधान कार्यालय/ अन्य विदेशी शाखाओं पर माने जाने की बजाय भारत से बाहर निवासी व्यक्ति पर माना जा सकता है, बशर्ते कि यह लेनदेन विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमन, 2000 (फेमा 8) के अनुपालन में है। 4. भारत से बाहर निवासी व्यक्ति के ऊपर इस प्रकार से अंतरित एक्स्पोजर पर कम से कम 150% का जोखिम भार लगेगा। 5. यह निर्णय लिया है कि गैर-केंद्रीकृत रूप से समाशोधित डेरिवेटिव एक्स्पोजर को 01 अप्रैल 2021 तक एक्स्पोजर सीमा से बाहर रखा जाएगा। भवदीय (सौरभ सिन्हा) |