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उधारकर्ताओं के लिए विधिक इकाई पहचानकर्ता (एलईआई)

भारिबैं/2022-23/34
विवि.सीआरई.आरईसी.28/21.04.048/2022-23

21 अप्रैल 2022

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर),
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान,
लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक,
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक, और
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (आवास वित्त कंपनियों सहित)

महोदया/ महोदय,

उधारकर्ताओं के लिए विधिक इकाई पहचानकर्ता (एलईआई)

कृपया उक्त विषय पर दिनांक 02 नवंबर 2017 के बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.92/21.04.048/2017-18 का पैरा 3 देखें।

2. समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि एलईआई पर दिशानिर्देशों का प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तक विस्तार किया जाए। आगे यह भी सूचित किया जाता है कि बैंकों1 और वित्तीय संस्थानों (एफआई)2 से 5 करोड़ और उससे अधिक के कुल एक्सपोजर का लाभ लेने वाले गैर-व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को अनुबंध में दी गई समय-सीमा के अनुसार एलईआई कोड प्राप्त करने की आवश्यकता होगी।

इस प्रयोजन के लिए "एक्सपोज़र" में उधारकर्ता के प्रति बैंकों/वित्तीय संस्थाओं के सभी निधि आधारित और गैर-निधि आधारित (ऋण के साथ-साथ निवेश) एक्सपोज़र शामिल होंगे। इस प्रयोजन के लिए कुल स्वीकृत सीमा या बकाया राशि, जो भी अधिक हो, की गणना की जाएगी। ऋणदाता अपने पास उपलब्ध जानकारी या सीआरआईएलसी डेटाबेस या उधारकर्ता से प्राप्त घोषणा के आधार पर कुल एक्सपोजर की स्थिति का पता लगा सकते हैं।

सी) उधारकर्ता जो अधिकृत स्थानीय परिचालन इकाई (एलओयू) से एलईआई कोड प्राप्त करने में विफल रहते हैं, उन्हें कोई नया एक्सपोजर मंजूर नहीं किया जाएगा और न ही उन्हें किसी मौजूदा एक्सपोजर का नवीनीकरण/वृद्धि प्रदान की जाएगी। हालांकि, केंद्र और राज्य सरकारों के विभागों/एजेंसियों3 (कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या संबंधित संविधियों के तहत स्थापित निगम को छोड़कर) को इस प्रावधान से छूट दी जाएगी।

3. यह निदेश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21, 35ए और 56, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45जेए और 45एल, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 30ए और फैक्टरिंग विनियमन अधिनियम, 2011 की धारा 6 के तहत जारी किए गए हैं।

भवदीय

(मनोरंजन मिश्रा)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

उधारकर्ताओं द्वारा एलईआई प्राप्त करने की समय-सीमा

कुल एक्सपोज़र एलईआई जिस तिथि को या उससे पहले प्राप्त किया जाना है
25 करोड़ से ऊपर 30 अप्रैल 2023
10 करोड़ से ऊपर, 25 करोड़ तक 30 अप्रैल 2024
5 करोड़ और उससे अधिक, 10 करोड़ तक 30 अप्रैल 2025

1 "बैंकों" का अर्थ अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), स्थानीय क्षेत्र के बैंक, लघु वित्त बैंक और प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक होंगे।

2 "वित्तीय संस्थान" (एफआई) का अर्थ अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्ज़िम बैंक, सिडबी, एनएचबी, नाबार्ड और एनएबीएफआईडी) और एनबीएफसी (एचएफसी सहित) होगा।

3 सरकारी एजेंसी सरकार का एक प्रशासनिक ढांचा है, जो कुछ गतिविधियों के लिए उत्तरदायी है, जैसे, इसरो, बीआईएस, डीजीसीए, आदि।

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