बड़े कार्पोरेट उधारकर्ताओं के लिए विधिक इकाई पहचानकर्ता की शुरुआत - आरबीआई - Reserve Bank of India
बड़े कार्पोरेट उधारकर्ताओं के लिए विधिक इकाई पहचानकर्ता की शुरुआत
भा.रि.बैं./2017-18/82 02 नवंबर, 2017 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), महोदया/ महोदय, बड़े कार्पोरेट उधारकर्ताओं के लिए विधिक इकाई पहचानकर्ता की शुरुआत विधिक इकाई पहचानकर्ता (एलईआई) कूट वैश्विक वित्तीय संकट के बाद बेहतर जोखिम प्रबंधन के लिए वित्तीय डेटा प्रणाली की गुणवत्ता और सटीकता में सुधार करने का मुख्य उपाय माना जाता है। एलईआई विश्व भर में वित्तीय लेनदेन करने वाले पक्षों की पहचान करने वाला 20-अंक का अद्वितीय कूट है। 2. ओटीसी डेरिवेटिव बाज़ार के प्रतिभागियों के लिए एलईआई का कार्यान्वयन 01 जून, 2017 के परिपत्र आरबीआई/2016-17/314.एफएमआरडी.एएमआईडी सं. 14/11.01.007/2-16-17 के द्वारा चरणबद्ध तरीके से किया गया है। 3. 4 अक्तूबर 2017 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में, यह संकेत दिया गया था कि ₹ 5 करोड़ और उससे अधिक के कुल निधि आधारित और गैर-निधि आधारित एक्सपोजर वाले बैंकों के सभी उधारकर्ताओं के लिए एलईआई प्रणाली की शुरुआत चरणबद्ध तरीके से की जाएगी (उद्धरण संलग्न)। तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि बैंक ₹ 50 करोड़ और उससे अधिक के कुल एक्सपोजर वाले अपने मौजूदा बड़े कॉर्पोरेट उधारकर्ताओं को अनुबंध में दी गई समयसारणी के अनुसार एलईआई प्राप्त करने के लिए सूचित करेंगे। जो उधारकर्ता अनुसूची के अनुसार एलईआई प्राप्त नहीं करते उन्हें ऋण सुविधाओं का नवीनीकरण/ वर्धन नहीं दिया जाएगा। ₹ 5 करोड़ से लेकर ₹ 50 करोड़ तक के एक्सपोजर वाले उधारकर्ताओं के लिए अलग से रोड़मैप यथासमय जारी किया जाएगा। 4. बैंक बड़े उधारकर्ताओं को उनकी मूल संस्था तथा अनुषंगियों और सहायक संस्थाओं के लिए एलईआई प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करें। 5. संस्थाएं एलईआई के कार्यान्वयन और प्रयोग का समर्थन करने के लिए गठित संस्था वैश्विक विधिक इकाई पहचानकर्ता फाउंडेशन (जीएलईआईएफ) के द्वारा अधिकृत किसी स्थानीय परिचालनरत इकाई (एलओयू) से एलईआई प्राप्त कर सकती हैं। भारत में, एलईआई कूट विधिक संस्था पहचानकर्ता इंडिया लि. (एलईआईआईएल), जो भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के अंतर्गत एलईआई जारीकर्ता के रूप में रिज़र्व बैंक से मान्यता प्राप्त और एलईआई जारी करने और उसके प्रबंधन के लिए भारत में स्थानीय परिचालनरत यूनिट के रूप में जीएलईआईएफ द्वारा अधिकृत, भारतीय समाशोधन निगम लि. (सीसीआईएल) की सहायक संस्था है, से प्राप्त किया जाए। 6. नियम, प्रक्रिया और प्रलेखन संबंधी अपेक्षाएं एलईआईआईएल से पता की जाए। 7. एलईआई कूट प्राप्त करने के बाद, बैंक यह भी सुनिश्चित कर सकते हैं कि उधारकर्ता जीएलईआईएफ के दिशानिर्देशों के अनुसार कूट का नवीनीकरण करा रहे हैं। 8. ये निदेश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21 और धारा 35(क) के अधीन जारी किए जा रहे हैं। भवदीय, (एस.एस.बारिक) विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य से उद्धरण, दिनांक 4 अक्तूबर 2017 5. विधिक इकाई पहचानकर्ता (एलईआई) - यह निर्णय लिया गया है कि बैंकों को किसी भी बैंक से 5 करोड़ रुपये और उससे अधिक के कुल निधि-आधारित और गैर-निधि आधारित जोखिम वाले कॉरपोरेट उधारकर्ताओं के लिए विधिक इकाई पहचानकर्ता (एलआईआई) पंजीकरण प्राप्त करना और बड़े ऋणों से संबंधित सूचना का केंद्रीय निधान {सेंट्रल रिपोजिटरी ऑफ इंफार्मेशन ऑन लार्ज क्रेडिट्स (सीआरआईएलसी)} में इसे अधिकृत करना अनिवार्य बनाने की आवश्यकता है। इससे कॉर्पोरेट समूहों द्वारा कुल उधार लेने के मूल्यांकन और एक इकाई / समूह के वित्तीय प्रोफाइल की निगरानी में सहायता मिलेगी। यह आवश्यकता एक अंशांकित (कैलिब्रेटेड), लेकिन समयबद्ध तरीके से लागू की जाएगी। आवश्यक अनुदेश अक्तूबर 2017 के अंत तक जारी किए जाएंगे। एलईआई के कार्यान्वयन की समयसारणी
|