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79133593

स्वर्ण पर ऋण

आरबीआई/2012-13/509
बैंपविवि. सं. डीआईआर. बीसी. 96/13.03.00/2012-13

27 मई, 2013
6 ज़्येष्ठ, 1935 (शक)

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदया / महोदय

स्वर्ण पर ऋण

कृपया 03 मई 2013 को घोषित मौद्रिक नीति वक्तव्य 2013-14 का पैराग्राफ 98 (उद्धरण संलग्न) देखें जो स्वर्ण पर ऋण देने से संबंधित है जिसमें सोने के सिक्कों पर अग्रिम देने की सुविधा को प्रति ग्राहक 50 ग्राम तक के भार वाले सोने के सिक्कों तक सीमित करने का प्रस्ताव किया गया है।

2. दिनांक 22 जुलाई 1978 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 95/C.124(P)-78 में निहित मौजूदा अनुदेशों के अनुसार बैंकों को स्वर्ण बुलियन पर कोई अग्रिम नहीं प्रदान करना चाहिए। वर्तमान में बैंकों को स्वर्ण आभूषणों और जूलरी पर अग्रिम प्रदान करने की अनुमति दिनांक 22 नवंबर 1994 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. बीसी. 138/21.01.023/94 के अनुसार बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीतियों के अधीन दी गई है। चूंकि यह जरूरी नहीं है कि बैंकों द्वारा बेचे जाने वाले विशेष रूप से ढाले गए सोने के सिक्के "बुलियन" अथवा "प्राथमिक स्वर्ण" की प्रकृति के ही हों, इसलिए 5 अप्रैल 2011 के मेलबॉक्स स्पष्टीकरण में यह सूचित किया गया था कि बैंकों द्वारा ऐसे सिक्कों पर ऋण देने पर कोई आपत्ति नहीं होगी। तथापि, जैसा कि मौद्रिक नीति कथन में उल्लेख किया गया है, इसमें यह जोखिम है कि इनमें से कुछ सिक्कों का भार काफी अधिक हो सकता है जिससे बुलियन पर ऋण देने के प्रतिबंधों के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों का उल्लंघन होगा। तदनुसार यह सूचित किया जाता है कि बैंकों को अपने द्वारा बेचे गए विशेष रूप से ढाले गए सोने के सिक्कों की जमानत पर अग्रिम प्रदान करते समय यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सिक्के(कों) का भार प्रति ग्राहक 50 ग्राम से अधिक न हो, तथा स्वर्ण आभूषणों, स्वर्ण जूलरी तथा (50 ग्रामतक के भार वाले स्वर्ण के सिक्कों) की जमानत पर दिये जाने वाले ऋण की राशि बोर्ड द्वारा मंजूर की गई सीमा के भीतर होनी चाहिए।

3. इस संदर्भ में, हमें कतिपय बैंकों से ऐसे संदर्भ मिलते रहे हैं जिनमें पूछा गया है कि स्वर्ण एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ़) और स्वर्ण म्यूचुअल फ़ंडों के यूनिट्स पर अग्रिम देने की अनुमति है अथवा नहीं। चूंकि ये उत्पाद बुलियन/प्राथमिक स्वर्ण पर आधारित होते हैं, इसलिए यह स्पष्ट किया जाता है कि ऊपर पैरा 2 में उल्लिखित दिनांक 22 जुलाई 1978 के हमारे परिपत्र में निर्धारित किए गए "स्वर्ण बुलियन" पर ऋण प्रदान करने से संबंधित प्रतिबंध एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ़) और स्वर्ण म्यूचुअल फ़ंडों के यूनिट्स पर अग्रिम देने के संबंध में भी लागू होगा।

4. इस संबंध में जारी किए गए अन्य सभी अनुदेश अपरिवर्तित रहेंगे।

भवदीय

(प्रकाश चन्द्र साहू)
मुख्य महाप्रबंधक

अनु : यथोक्त


मौद्रिक नीति वक्तव्य 2013-14 से उद्धरण

स्वर्ण पर ऋण

98. वर्तमान अनुदेशों के अनुसार, बैंकों को स्वर्ण आभूषणों व अन्य आभूषणों और बैंकों द्वारा बेचे जाने वाले विशेष रूप से ढाले गए सोने के सिक्कों पर अग्रिम (एडवान्सेज़) मंजूर करने की इजाजत है। तथापि सोना खरीदने के लिए, चाहे वह किसी रूप में हो – प्राथमिक स्वर्ण (प्राइमरी गोल्ड), स्वर्ण बुलियन, सोने के आभूषण, सोने के सिक्के और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स और गोल्ड म्युचूअल फ़ंडों के यूनिट्स खरीदने के लिए किसी भी तरह का अग्रिम (एडवान्स) नहीं मंजूर किया जा सकता। बैंकों द्वारा बेचे जाने वाले विशेष रूप से ढाले गए सोने के सिक्कों पर अग्रिम (एडवान्सेज़) मंजूर करने पर आपत्ति भले न हो, परंतु एक रिस्क यह है कि इनमें से कुछ सिक्के अधिक वजन के हों और इस प्रकार स्वर्ण बुलियन पर अग्रिम (एडवान्सेज़) की मंजूरी पर प्रतिबंध संबंधी रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों का उल्लंघन हो। तदनुसार प्रस्ताव है कि :

  • सोने के सिक्कों पर अग्रिम (एडवान्सेज़) की मंजूरी की सुविधा को प्रति ग्राहक 50 ग्राम तक के वज़न के सिक्कों तक सीमित किया जाए।

विस्तृत दिशानिर्देश मई 2013 के अंत तक जारी किए जाएंगे।

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