स्वर्ण की जमानत पर ऋण - आरबीआई - Reserve Bank of India
स्वर्ण की जमानत पर ऋण
भारिबै/2012-13/522 6 जून 2013 सभी राज्य और केन्द्रीय सहकारी बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय स्वर्ण की जमानत पर ऋण कृपया आप 3 मई 2013 को घोषित मौद्रिक नीति विवरण का स्वर्ण की जमानत पर ऋण के संबंध में पैरा 98 देखें (प्रतिलिपि संलग्न) जिसमें स्वर्ण के सिक्कों की जमानत पर उक्त सुविधा को प्रति ग्राहक 50 ग्राम तक के स्वर्ण के सिक्कों तक सीमित करने का प्रस्ताव किया गया है। 2. राज्य/केंद्रीय सहकारी बैंकों को वर्तमान में स्वर्ण के आभूषणों और जवाहरात की जमानत पर अग्रिम प्रदान करने की अनुमति दी गई है। स्वर्ण ऋणों के अंतर्गत कुछ बैंकों ने बैंकों द्वारा बेचे गए विशेष रूप से ढाले गए (मिंटेड) स्वर्ण के सिक्कों की जमानत पर भी ऋण प्रदान किया होगा। जैसा कि मौद्रिक नीति विवरण में उल्लेख किया गया है बैंकों द्वारा बेचे गए विशेष रूप से ढाले गए (मिंटेड) स्वर्ण के सिक्कों की जमानत पर भी ऋण प्रदान करते समय राज्य केंद्रीय सहकारी बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सिक्कों का वजन प्रति ग्राहक 50 ग्राम से अधिक न हो और किसी ग्राहक के ऋण की राशि किसी ग्राहक को स्वर्ण आभूषणों, स्वर्ण जवाहरात और 50 ग्राम तक के वजन के स्वर्ण के सिक्कों की जमानत पर दिए जानवाले ऋण की राशि बोर्ड अनुमोदित सीमा के भीतर है। भवदीय ( ए.उदगाता ) अनु: यथोक्त मौद्रिक नीति वक्तव्य 2013-14 का उद्धरण स्वर्ण पर ऋण 98. वर्तमान अनुदेशों के अनुसार, बैंकों को स्वर्ण आभूषणों व अन्य आभूषणों और बैंकों द्वारा बेचे जाने वाले विशेष रूप से ढाले गए सोने के सिक्कों पर अग्रिम (एडवान्सेज़) मंजूर करने की इजाजत है। तथापि सोना खरीदने के लिए, चाहे वह किसी रूप में हो – प्राथमिक स्वर्ण (प्राइमरी गोल्ड), स्वर्ण बुलियन, सोने के आभूषण, सोने के सिक्के और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फ़ंड्स और गोल्ड म्यूचुअल फ़ंडों के यूनिट्स खरीदने के लिए किसी भी तरह का अग्रिम (एडवान्स) नहीं मंजूर किया जा सकता। बैंकों द्वारा बेचे जाने वाले विशेष रूप से ढाले गए सोने के सिक्कों पर अग्रिम (एडवान्सेज़) मंजूर करने पर आपत्ति भले न हो, परंतु एक रिस्क यह है कि इनमें से कुछ सिक्के अधिक वजन के हों और इस प्रकार स्वर्ण बुलियन पर अग्रिम (एडवान्सेज़) की मंजूरी पर प्रतिबंध संबंधी रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों का उल्लंघन हो। तदनुसार प्रस्ताव है कि :
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