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प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्रों को आगे उधार देने के उद्देश्य से वाणिज्यिक बैंकों द्वारा एनबीएफसी और लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) द्वारा एनबीएफसी-एमएफआई को उधार

आरबीआई/2022-23/50
विसविवि.केंका.प्लान.बीसी.सं.5/04.09.01/2022-23

13 मई 2022

अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक/
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंकों सहित)
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, शहरी सहकारी बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर)

महोदय/महोदया,

प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्रों को आगे उधार देने के उद्देश्य से वाणिज्यिक बैंकों द्वारा एनबीएफसी और लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) द्वारा एनबीएफसी-एमएफआई को उधार

कृपया प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार पर जारी दिनांक 04 सितंबर 2020 के मास्टर निदेश (समय-समय पर अद्यतन) के पैरा संख्या 21.2, 21.3, 22 और 24 सहित दिनांक 08 अक्तूबर 2021 के अधिसूचना विसविवि.केंका.प्लान.बीसी.सं.15/04.09.01/2021-22 तथा दिनांक 05 मई 2021 के अधिसूचना विसविवि.केंका.प्लान.बीसी.सं.10/04.09.01/2021-22 का संदर्भ ग्रहण करें जिसमें कुछ प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्रों को आगे उधार देने के उद्देश्य से वाणिज्यिक बैंकों द्वारा एनबीएफसी को दिये गए उधार और लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) द्वारा एनबीएफसी-एमएफआई को दिये गए उधार हेतु 31 मार्च 2022 तक की अनुमति दी गई थी।

2. निर्दिष्ट प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्रों को ऋण देने में बैंकों और एनबीएफसी के बीच विकसित तालमेल को जारी रखने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि उपरोक्त सुविधा को चालू आधार पर अनुमति दी जाए।

3. वाणिज्यिक बैंकों के मामले में, आगे उधार दिए जाने हेतु एनबीएफसी को बैंक ऋण (एचएफसी सहित) व्यक्तिगत बैंक की कुल प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के 5 प्रतिशत की समग्र सीमा तक जारी करने की अनुमति होगी। एसएफबी के मामले में, एनबीएफसी-एमएफआई और अन्य एमएफआई (सोसाइटियां, ट्रस्ट, आदि), जो भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मान्यता प्राप्त क्षेत्र के 'स्व-विनियामक संगठन' के सदस्य हैं, को ऋण व्यक्तिगत बैंक की कुल प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के 10 प्रतिशत की समग्र सीमा तक जारी करने की अनुमति होगी। निर्धारित अधिकतम सीमा के अनुपालन को निश्चित करने के लिए इन सीमाओं की गणना वित्तीय वर्ष की चार तिमाहियों के औसत द्वारा की जाएगी।

4. एसएफबी को ऐसे पंजीकृत एनबीएफसी-एमएफआई और अन्य एमएफआई को उधार देने की अनुमति है जिनके पास प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को आगे उधार देने के उद्देश्य से पिछले वित्तीय वर्ष के 31 मार्च को ₹500 करोड़ रुपये तक का 'सकल ऋण पोर्टफोलियो' (जीएलपी) है। यदि एनबीएफसी-एमएफआई/अन्य एमएफआई का जीएलपी बाद की तारीख में निर्धारित सीमा से अधिक हो जाता है, तो जीएलपी सीमा से अधिक होने से पहले निर्मित सभी प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र ऋणों को चुकौती/परिपक्वता तक, जो भी पहले हो, एसएफबी द्वारा पीएसएल के रूप में वर्गीकृत किया जाता रहेगा।

भवदीया,

(सोनाली सेन गुप्ता)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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