अस्थिर दर वाले मीयादी ऋणों पर फोरक्लोजर प्रभार/अवधिपूर्व भुगतान अर्थदंड का लगाया जाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
अस्थिर दर वाले मीयादी ऋणों पर फोरक्लोजर प्रभार/अवधिपूर्व भुगतान अर्थदंड का लगाया जाना
आरबीआई/2013-14/612 27 मई 2014 अध्यक्ष महोदय /महोदया अस्थिर दर वाले मीयादी ऋणों पर फोरक्लोजर प्रभार/अवधिपूर्व भुगतान अर्थदंड का लगाया जाना कृपया 'आवास ऋण – फोरक्लोजर प्रभार/अवधिपूर्व भुगतान अर्थदंड का लगाया जाना' विषय पर दिनांक 15 जून 2012 का एसटीसीबी और सीसीबी को संबोधित हमारा परिपत्र ग्राआऋवि. केंका.आरसीबीडी.बीसी.सं. 84/03.03.01/2011-12 और दिनांक 18 जून 2012 का आरआरबी को संबोधित हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 85/03.05.033/2011-12 देखें। 2. दिनांक 01 अप्रैल 2014 को घोषित पहले द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2014-15 के भाग 'ख' की ओर आपका ध्यान आकृष्ट किया जाता है, जिसमें उपभोक्ता संरक्षण के लिए कतिपय उपायों का प्रस्ताव किया गया था। यह कहा गया था कि अपने उपभोक्ताओं के हित में बैंकों को अपने उधारकर्ताओं को बिना किसी अर्थदंड के अस्थिर दर वाले मीयादी ऋणों की अवधिपूर्व चुकौती की अनुमति देने की संभावना पर विचार करना चाहिए। तदनुसार, यह सूचित किया जाता है कि एसटीसीबी, सीसीबी और आरआरबी को वैयक्तिक उधारकर्ताओं को मंजूर सभी अस्थिर दर वाले मीयादी ऋणों पर फोरक्लोजर प्रभार/अवधिपूर्व भुगतान अर्थदंड लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो तत्काल प्रभाव से लागू होगी। भवदीय (ए. उदगाता) |