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अपरिचालित खातों में न्‍यूनतम शेष नहीं बनाए रखने पर दंडात्‍मक प्रभार लगाना

भारिबैं/2013-14/592
शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी) परि. सं. 62/13.03.000/2013-14

15 मई 2014

मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदया/ महोदय,

अपरिचालित खातों में न्‍यूनतम शेष नहीं बनाए रखने पर दंडात्‍मक प्रभार लगाना

कृपया 01 अप्रैल 2014 को घोषित प्रथम द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य, 2014-15 का भाग 'ख' देखें जिसमें ग्राहक सुरक्षा के लिए कतिपय उपायों का प्रस्‍ताव किया गया है, जैसे किसी अपरिचालित खाते में न्‍यूनतम शेष नहीं बनाए रखने के लिए दंडात्‍मक प्रभार नहीं लगाया जाना।

2. इस संबंध में आपका ध्‍यान 26 मई 2006 के हमारे परिपत्र सं. शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी) परि. सं.54/09.39. 000/2005-06 की ओर आकृष्‍ट किया जाता है जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि वे अपने वेबसाईट के माध्यम से विभिन्न सेवा प्रभार, बचत बैंक खातों में न्‍यूनतम शेष बनाए रखने की अपेक्षा तथा न्‍यूनतम शेष नहीं बनाए रखने की स्थिति में दंडात्‍मक प्रभार लगाए जाने के बारे में सूचना प्रदर्शित करें और सूचना को समय समय पर अद्यतित करें।

3. इसके अलावा, 'वित्‍तीय समावेशन –बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच – बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' पर 17 अगस्‍त 2012 के हमारे परिपत्र शबैंवि.पीसीबी. परि. 5/13.01.000/2012-13 के पैरा 3 के अनुसार बैंकों को यह सूचित किया गया था कि बुनियादी बचत बैंक जमा खातों (बीएसबीडीए) के अपरिचालन/ सक्रिय करने के लिए किसी प्रकार का प्रभार नहीं लगाया जाना चाहिए।

4. यह सूचित किया जाता है कि अब से बैंकों को किसी अपरिचालित खाते में न्‍यूनतम शेष नहीं बनाए रखने के लिए किसी प्रकार का दंडात्‍मक प्रभार लगाने की अनुमति नहीं है।

भवदीय,

(ए.के.बेरा)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

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