दण्डात्मक ब्याज लगाना – देरी से रिपोर्टिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
दण्डात्मक ब्याज लगाना – देरी से रिपोर्टिंग
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आरबीआई/2017-18/130 09 फरवरी, 2018 1. अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी 2. ट्रेजरी निदेशक महोदया/प्रिय महोदय, दण्डात्मक ब्याज लगाना – देरी से रिपोर्टिंग उक्त विषय पर कृपया दिनांक 12 अक्तूबर, 2017 के हमारे मास्टर अनुदेश डीसीएम (सीसी) सं. जी-2/03.35.01/2017-18 का संदर्भ लें । 2. फिलहाल, ऐसे सभी मामलों में दण्डात्मक ब्याज लगाया जाता है, जिसमें बैंकों द्वारा लेनदेन की गलत / विलंब से सूचना देने / सूचना नहीं देने के कारण बैंकों को रिज़र्व बैंक के पास उनके चालू खाते में “अनुचित जमा” का लाभ मिला है, अर्थात, मुद्रा तिजोरी ने निवल जमा रिपोर्ट किया है । वैसे मामले में जहाँ मुद्रा तिजोरी द्वारा रिजर्व बैंक की निधि का लाभ नहीं उठाया गया है, यानि खाते में “निवल जमा” है, वहाँ विलंब से रिपोर्ट करने के संबंध में स्पष्ट अनुदेश न होने के कारण निर्गम कार्यालयों द्वारा इसको अलग अलग तरीके से देखा जा रहा है। 3. इसकी समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि, रिपोर्टिंग में देरी के मामलों में, जहां मुद्रा तिजोरी ने “निवल जमा” रिपोर्ट किया था, प्रचलित दर से दण्डात्मक ब्याज प्रभारित नहीं किया जाए। तथापि, मुद्रा तिजोरी के लेन देन की रिपोर्टिंग को सुचारू रूप से अनुशासित करने के क्रम में, मुद्रा तिजोरियों को देरी से रिपोर्टिंग करने के लिए एक समान दर से रू. 50000/- का दण्ड लगाया जाए, जैसे कि भारतीय रिजर्व बैंक को गंदे नोटों के विप्रेषण / “आहरण” के रूप में दर्शाए गए विपथन की गलत रिपोर्टिंग के मामले में लगाया जाता है । (मास्टर अनुदेश के पैरा 1.5 के अनुसार) 4. उक्त मास्टर अनुदेश में निहित शेष निर्देश यथावत रहेंगे । 5. संशोधित अनुदेश इस परिपत्र के जारी होने की तारीख तथा इसके पश्चात पहचाने गए सभी मामलों के लिए प्रभावी होंगे । भवदीय (अजय मिचयारी) |