RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79070841

इलेक्‍ट्रॉनिक भुगतान उत्‍पादों और बाहरी चेक के संग्रह हेतु सेवा प्रभार लगाना

Notification Warning वापस लिया गया w.e.f. 16/11/2021

आरबीआई/2008-09/207
डीपीएसएस.केका.सं.611/03.01.03(पी)/2008-09

8 अक्‍तूबर 2008

अध्‍यक्ष और प्रबंध निदेशक / मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्‍य बैंक – आरआरबी सहित/
शहरी सहकारी बैंक / राज्‍य सहकारी बैंक / जिला मध्‍यवर्ती सहकारी बैंक

महोदया / प्रिय महोदय,

इलेक्‍ट्रॉनिक भुगतान उत्‍पादों और बाहरी चेक के संग्रह हेतु सेवा प्रभार लगाना

विभिन्‍न इलेक्‍ट्रॉनिक उत्‍पादों और बाहरी चेकों के संग्रह की सेवा प्रदान करने के लिए बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले प्रभारों की व्‍यवस्‍था तत्‍काल प्रभाव से निम्‍नानुसार रहेगी : –

1. इलेक्‍ट्रॉनिक उत्‍पाद

क) आवक आरटीजीएस/ एनईएफटी/ईसीएस संव्‍यवहार – निशुल्‍क, इन पर कोई प्रभार नहीं लगाया जाना है।

ख) जावक संव्‍यवहार –

(i) आरटीजीएस – रु. 1 से 5 लाख तक            – प्रति संव्‍यवहार रु. 25 से अधिक नहीं

             – रु. 5 लाख और अधिक          – प्रति संव्‍यवहार रु.50 से अधिक नहीं

(ii) एनईएफटी – रु.1 लाख तक                  – प्रति संव्‍यवहार रु.5 से अधिक नहीं

            – रु.1 लाख और अधिक            – प्रति संव्‍यवहार रु. 25 से अधिक नहीं

ग) ईसीएस डेबिट वापसी के लिए बैंक ऐसा प्रभार निर्धारित कर सकते हैं जो चेक वापसी के प्रभारों से अधिक नहीं हों।

घ) ये प्रभार अंतर बैंक निधि अंतरण सहित सभी प्रकार के संव्‍यवहारों के लिए अनुमेय होंगे।

2. बाहरी चेक संग्रह

क) – रु.10,000 तक                         – प्रति लिखत रु. 50 से अधिक नहीं

   – रु.10,000 से रु.1,00,000 तक            – प्रति लिखत रु.100 से अधिक नहीं

   – रु.1,00,001 और अधिक                 – प्रति लिखत रु.150 से अधिक नहीं

ख) उक्‍त प्रभारों में सभी कुछ शामिल है। कोई अतिरिक्‍त प्रभार जैसे कि कूरियर प्रभार, जेब खर्च, आदि ग्राहक से नहीं लिए जाएंगे।

ग) क्‍लीयरिंग चक्र को कम करने और भुगतान के इलेक्‍ट्रॉनिक माध्‍यमों को बढ़ावा देने के लिए आदाता बैंकों को चाहिए कि संग्रहकर्ता बैंक शाखा को धन प्रेषण करने के लिए जहां भी उपलब्‍ध हो आरटीजीएस / एनईएफटी जैसे इलेक्‍ट्रॉनिक माध्‍यमों का प्रयोग करना चाहिए।

घ) कुशल सेवा प्रदान करने के लिए बैंकों को चाहिए कि स्‍पीड क्‍लीयरिंग और राष्‍ट्रीय क्‍लीयरिंग सुविधाओं का अधिकाधिक उपयोग करें।

3. उक्‍त प्रभार केवल भारत में किए गए और भुगतान योग्‍य संव्यवहारों पर ही लागू होंगे।

4. इस परिपत्र के प्रावधान बैंकों द्वारा अधिक मूल्‍य के नकद संव्‍यवहारों का रखरखाव करने के लिए लगाए जाने वाले नकदी रखरखाव प्रभारों के लिए अनुमेय नहीं होंगे।

5. कोई भी बैंक अपने ग्राहकों को ये उत्‍पाद देने से मना नहीं करेगा या इसके ग्राहकों द्वारा संग्रह के लिए जमा किए गए बाहरी चेकों को स्वीकार करने से मना नहीं करेगा।

6. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ये निदेश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (सन 2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए किया जा रहा है, जो किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमतियों/ अनुमोदनों के प्रतिकूल नहीं हैं।

भवदीय

(जी. पद्मनाभन)
मुख्‍य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?