निवासी व्यक्तियों के लिए उदारीकृत प्रेषण योजना - सीमा को 50,000 अमरीकी डालर से बढ़ाकर 1,00,000 अमरीकी डालर करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
निवासी व्यक्तियों के लिए उदारीकृत प्रेषण योजना - सीमा को 50,000 अमरीकी डालर से बढ़ाकर 1,00,000 अमरीकी डालर करना
आरबीआइ. /2006-07 /379
एपी (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.51
मई 8, 2007
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक
महोदया / महोदय,
निवासी व्यक्तियों के लिए उदारीकृत प्रेषण योजना - सीमा को 50,000 अमरीकी डालर से बढ़ाकर 1,00,000 अमरीकी डालर करना
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान निवासी व्यक्तियों के लिए उदारीकृत प्रेषण योजना (योजना) के संबंध में जारी फरवरी 4, 2004 के एपी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 64 और दिसंबर 20, 2006 के एपी . (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.24 की ओर आकर्षित किया जाता है ।
2. वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य (पैरा 137) में की गई घोषणा के अनुसार योजना के तहत 50,000 अमरीकी डालर प्रति वित्तीय वर्ष की वर्तमान सीमा को बढ़ाकर 1,00,000 अमरीकी डालर प्रति वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) कर दिया गया है । तद्नुसार, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक किसी भी अनुमत चालू अथवा पूंजीगत खाता लेनदेनों अथवा दोनों के संयुक्त रूप के लिए प्रति वित्तीय वर्ष 1,00,000 अमरीकी डालर तक के प्रेषण की अनुमति दे सकते हैं । आशोधित आवेदन व घोषणापत्र फार्म संलग्न है ।
3. यह स्पष्ट किया जाता है कि योजना के तहत ऐसे प्रेषणों की अनुमति सिर्फ अनुमत चालू और पूंजी खाता लेनदेनों के लिए दी जाती है । अन्य सभी लेनदेन, जो फेमा के तहत अन्यथा अनुमत नहीं है और जो समुद्रपारीय एक्सचेंजों / समुद्रपारीय काउंटरपार्टी को मार्जिन अथवा मार्जिन कॉल्स के लिए प्रेषण के स्वरूप के हैं, योजना के तहत अनुमत नहीं है ।
4. इसके अलावा यह भी स्पष्ट किया जाता है कि बैंक योजना के तहत प्रेषण के मदद के लिए निवासी व्यक्तियों को किसी प्रकार की ऋण सुविधाएं प्रदान न करें ।
5. फरवरी 4, 2004 के एपी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 64 और दिसंबर 20, 2006 के एपी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 24 में दी गई अन्य शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी ।
6. विदेशी मुद्रा प्रबंध (अनुमत पूंजी खाता लेनदेन) विनियमावली, 2000 (मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 1/2000 आरबी) में आवश्यक संशोधन अलग से अधिसूचित किए जा रहे हैं ।
7. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें ।
8. इस परिपत्र में समाहित विदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं, और किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है ।
भवदीय,
( सलीम गंगाधरन )
मुख्य महा प्रबंधक
संलग्नक
मई 8, 2007 के एपी (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.51 का संलग्नक
निवासी व्यक्तियों के लिए 1,00,000 अमरीकी डालर की उदारीकृत प्रेषण योजना के तहत विदेशी मुद्रा की खरीद हेतु आवेदन- व- घोषणा
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(आवेदक द्वारा पूरा किया जाए )
I. आवेदक के ब्योरे
क) |
नाम |
: |
ख) |
पता |
: |
ग) |
खाता सं. |
: |
घ) |
पैन सं. |
: |
II. अपेक्षित विदेशी मुद्रा के ब्योरे
1) |
राशि (करेंसी का ब्योरा दें) |
: |
2) |
प्रयोजन |
: |
III. निधियो का ॉााटत : _______________________________________________
IV. लिखतों के प्रकार
1) |
ड्राफ्ट |
: |
2) |
प्रत्यक्ष प्रेषण |
: |
V. वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) 200 में योजना के तहत किए गए प्रेषण के ब्योरे
तारीख |
राशि |
VI. हिताधिकारी के ब्योरे
1ध) |
नाम |
: |
2) |
पता |
: |
3) |
देश |
: |
4) |
* बैंक का नाम और पता |
: |
5) |
* खाता सं. |
: |
(* हिताधिकारी के बैंक खाते में प्रेषण सीधे जमा करने की स्थिति में आवश्यक है )
यह उपर दिए गए ब्योरों के अनुसार मेरे खाते के नाम डालने और विदेशी मुद्रा का प्रेषण करने / ड्राफ्ट जारी करने के लिए आपको प्राधिकृत करता है । (जो लागू न हो उसे काट दें )
घोषणा
मैं ---------------------------------- (नाम) एतद्वारा घोषित करता हूँ कि आवेदनपत्र की मद सं. V के अनुसार वित्तीय वर्ष के दौरान भारत में सभी ॉााटतों से खरीदे अथवा उनके माध्यम से भेजे गए विदेशी मुद्रा की कुल राशि 1,00,000 अमरीकी डालर (एक लाख अमरीकी डालर मात्र) की सीमा के अंदर है, जो प्रयोजन के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित सीमा है और प्रमाणित करता हूँ कि उपर्युक्त प्रेषण करने के लिए निधियों का ॉााटत मेरा है तथा इसका उपयोग निषिद्ध प्रयोजनों के लिए नहीं किया जाएगा ।
आवेदक के हस्ताक्षर
(नाम) :
प्राधिकृत व्यापारी का प्रमाणपत्र
यह प्रमाणित किया जाता है कि प्रेषण अपात्र निकायों द्वारा / को नहीं किया जा रहा है और कि प्रेषण, योजना के तहत समय-समय पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अनुदेशों के अनुरूप है ।
प्राधिकृत पदाधिकारी का नाम और पदनाम :
स्थान :
हस्ताक्षर :
तारीख (स्टाम्प और मुहर ) :