निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीवफ्त प्रेषण योजना
आरबीआइ/2004-05/402
ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.38
मार्च 31, 2005
सेवा में
विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक
महोदया/महोदय,
निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीवफ्त प्रेषण योजना
प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान फरवरी 4, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.64 के पैराग्राफ 3.4(ववव) की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार उक्त योजना के अंतर्गत वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा "गैर सहकारी देशों और क्षेत्रों" के रूप में अभिनिर्धारित देशों अर्थात् कूक द्वीप, इजिप्ट, ग्वाटेमाला, इंडोनेशिया, म्यांमार, नौरु, नाइजेरिया, फिलिपीन्स और युक्रेन को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से प्रेषण की अनुमति नहीं है।
2. इस संबंध में, प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा अभिनिर्धारित गैर सहकारी देशों और क्षेत्रों का रिकाड़ रखें और तदनुसार उदारीवफ्त प्रेषण योजना के अंतर्गत लेनदेन करनेवाली उनकी शाखाओं द्वारा आवश्यक कार्रवाई के लिए सूची को समय-समय पर अद्यतन बनाएं। इस प्रयोजन के लिए एफएटीएफ द्वारा अधिसूचित गैर सहकारी देशों की उद्यतन सूची प्राप्त करने हेतु वे www.fatf-gafi.org वेबसाइट का उपयोग करें।
3. प्राधिवफ्त व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।
4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भवदीय
(एफ.आर. जोसेफ)
मुख्य मब प्रबंधक
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